जेडीए-निगम की लापरवाही जयपुर की हरियाली पर पड़ेगी भारी

जयपुर, 21 मई (हि.स.)। जयपुर विकास प्राधिकरण- नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही राजधानी की हरियाली पर भारी पड़ेगी। लगातार घट रही हरियाली के बीच दोनों विभागों की लापरवाही से शहर वासियों को ज्यादा पॉल्यूशन के बीच रहना पड़ सकता है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जेडीए और निगम इस बार मानसून पर जयपुर में पौधारोपण नहीं करवाएगा। इसके अलावा हर साल की भांति आमजन को पौधों का वितरण भी नहीं कर पाएगा। इसकी वजह साफ है कि जेडीए और निगम ने पौधा खरीद को लेकर अभी तक टेंडर नहीं किया है। जेडीए और निगम हर साल मानसून सीजन में एक जुलाई से पौधा वितरण करता है। इसके लिए मार्च-अप्रेल माह में टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं शुरू कर देता है। ऐसे में जुलाई तक सभी प्रक्रियाएं पूरी होकर पौधा वितरण की तैयारी कर ली जाती है। लेकिन इस बार जेडीए और निगम पौधों को लिए टेंडर ही नहीं कर पाया है। अब आचार संहिता के चलते दोनों विभाग टेंडर नहीं कर पाएंगे। चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद ही आचार संहिता हटेंगी। ऐसे में चंद दिनों में टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी होना संभव नहीं है।

विशेष बात यह है कि लोकसभा चुनाव और मानसून को ध्यान में रखकर दोनों विभागों को विधानसभा चुनाव के बाद ही पौधा खरीद के लिए टेंडर सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी कर लेनी चाहिए थी। लेकिन इस और जेडीए-निगम अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। इस खामियाजा शहर की जनता को ज्यादा पॉल्यूशन के बीच रहना पड़ेगा और हरियाली भी नहीं बढ़ेगा।

करीब ढाई लाख पौधे होते है वितरित

मानसून के दौरान जेडीए और दोनों नगर निगम मिलकर करीब ढाई लाख पौधों का वितरण करते हैं। इस पर करीब 5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। हर साल पौधे वितरित करने के साथ पौधे लगाए भी जाते है। लेकिन जेडीए और निगम के पास यह जानकारी नहीं की कितने पौधे लगे या उनका क्या रहा। सड़क किनारे लगी झाडिय़ां, फूल वाले पौधों के नाम पर सालाना जेडीए और निगम मिलकर 40 करोड़ तक खर्च कर देते हैं। इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बाद भी कोई फायदा नहीं हो रहा। जेडीए और निगम मानसून सीजन में आम, पिलखन, गूलर, नीम, इमली, करंज, जामुन, लसोड़ा, छलील, शीशम सहित फल और छायादार पोधे वितरित करते है।

इस संबंध में जेडीए में उपवन संरक्षक संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि इस बार मानसून में तय समय पर आमजन को पौधा वितरण नहीं हो पाएगा। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते अभी तक पौधा खरीद के लिए टेंडर नहीं हो पाए है। ऐसे में जुलाई में पौधा वितरण नहीं हो पाएगा। हालांकि प्रयास रहेगा कि मानसून के मध्यम तक आमजन को पौधा वितरण हो सके, इसके लिए आचार संहिता हटते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश/संदीप

   

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