विश्वेंद्र सिंह की पत्नी बोलीं सारे फसाद के पीछे गहलोत, पूर्व सीएम ने हमारे फोन टेप करवाए

भरतपुर, 22 मई (हि.स.)। भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह का पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध सिंह से विवाद गहराता जा रहा है। दोनों के बीच आरोप- प्रत्यारोप का दौर जारी है। दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने बुधवार को भरतपुर में अपने ऑफिस पर दोपहर साढ़े 12 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर विवाद को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजपरिवार के विवाद में पूर्व सीएम ने घी छिड़का है। दो से ढाई साल तक उन्होंने ही आग लगाई है। अब उन्हीं से इसका कारण पूछना चाहिए। उन्होंने पंचायत के सवाल पर कहा कि मामला एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। हमें कोई पंचायत जोड़ने की जरूरत नहीं है। इससे पहले भी हमने कई पंचायतें देखी हैं।

दिव्या सिंह और अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि भरतपुर के वरिष्ठ पीसीसी सदस्य ने कहा है कि इस सारे फसाद के पीछे बहुत सीनियर कांग्रेस लीडर का हाथ है। यह बात बिल्कुल सही है। दिव्या सिंह ने कहा कि गहलोत साहब ने हमारे विवाद में घी छिड़का है। दो से ढाई साल तक गहलोत साहब ने ही आग लगाई है। जिस लीडर ने यह स्टेटमेंट दिया, वह सही स्टेटमेंट दिया है। उन्हें पता होगा कि गहलोत साहब ने आग लगाने का काम किया है। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि मामला एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। हमारा ब्यूरोक्रेसी, एसडीएम कोर्ट और ज्यूडिशियल सिस्टम में विश्वास है। इस दौरान दिव्या सिंह ने कहा कि हमें कोई पंचायत जोड़ने की जरूरत नहीं है। पंचायतें हमने बहुत देखी हैं। कुंवर अरुण सिंह, दीपा सिंह, राव राजा रघुराज सिंह के खिलाफ भी पंचायत जोड़ी गई थी। सभी लोग अपने घर बैठे हैं। इन पंचायत या महापंचायत से कोई फर्क नहीं पड़ता है। यह मॉडर्न इंडिया है। पंचायत का फर्क नहीं पड़ता है।

उन्होंने कहा कि लोग समाज के ठेकेदार बन रहे हैं। समाज की बात कर कौन रहा है। हम अपने परिवार की बात कर रहे हैं। यह बात बिल्कुल सत्य है कि हमारा निकास करौली से हुआ है। इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर बहस होना। क्या कर लिया उन्होंने, कुछ नहीं। 51 लोगों की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी 51 सौ लोगों या 51 हजार लोगों की कमेटी बना लीजिए। कमेटी के जरिए एसडीएम पर दबाव डालकर आप लोग क्या दिखाना चाहते हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत को लेकर अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि यह लोग हमारे कॉल रिकॉर्ड कर रहे थे। मोती महल के बाहर जो नगर निगम ओर यूआईटी एरिया है। उसके सौंदर्यीकरण प्रोजेक्ट सेंशन हुए थे। उन सभी प्रोजेक्ट को रोक दिया गया। मोती महल के अंदर ऐतिहासिक और विरासत के सामान की देखरेख के काम को भी रोक दिया गया। हमें कुछ काम के लिए परमिशन चाहिए थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया। हमने अशोक गहलोत से मिलने की कोशिश की, हमें वहां भी रोक दिया गया।

उन्होंने कहा कि हमारे लोगों ने अगर कोई सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल दी, तो हमारे लोगों के यहां फोर्स भेज दी गई। गिरफ्तार किया, इन सब चीजों के लिए गहलोत साहब जिम्मेदार हैं। दिव्या सिंह ने कहा कि हमें धमकी भरे फोन आए थे। हमारे स्टाफ को भी धमकियां दी जा रही हैं। अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि इसकी शिकायत मैंने दे रखी हैं। हमारी या हमारी टीम को कुछ होता है, उसका कौन जिम्मेदार है। हम लोग सही हैं। हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है। विरासत का हल्ला हो रहा है। मोती महल के अंदर ऐतिहासिक चीजें रखीं हैं, उसे कोई नहीं देख रहा।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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