मथुरा में लगेगा बनारस में निर्मित तीन हजार किलो वजन का पीतल का घंटा

—रमणरेतीधाम कार्ष्णि उदासीन परिवार आश्रम में घंटा टंगेगा

वाराणसी, 22 मई (हि.स.)। भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलास्थली रमणरेतीधाम, महावन, मथुरा में गुरूवार को तीन हजार किलो वजन का घंटा लगेगा। रमणरेतीधाम स्थित कार्ष्णि उदासीन परिवार आश्रम में वैशाख पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त में वाराणसी में निर्मित तीन टन वजन का घंटा टंगेगा। यह जानकारी बुधवार को यहां श्रीगुरु कार्ष्णि विद्याभवन, वाराणसी के ट्रस्टी स्वामी ब्रजेशानन्द सरस्वती ने पत्रकारों को दी।

उन्होंने बताया कि लगभग तीन हजार किलो वजन के इस घंटे को ढालने में मुख्य धातु पीतल के साथ कुछ अन्य धातुओं का भी इस्तेमाल किया गया है। इसे गुरुशरणानन्द के सानिध्य में आयोजित विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान के बीच रमणरेतीधाम में स्थापित किया जाएगा। इतना विशाल घंटा लगवाने का लाभ पूरे रमणरेतीधाम को मिलेगा।

उन्होंने बताया कि मंदिर के घंटे की आवाज कान में पहुंचने पर दर्शन जैसा ही लाभ मिलता है। इस विशाल घंटे को आज सडक मार्ग से मथुरा भेजा गया। वार्ता में शामिल समाजसेवी केशव जालान व निधिदेव अग्रवाल ने बताया कि मथुरा से कुछ दूर गोकुल क्षेत्र में स्थित रमणवन या रमणरेती नामक यह स्थान बीते युग की कहानियों से सुशोभित है। यहां की रेत पर भगवान श्रीकृष्ण अपने चरवाहे मित्रों के साथ खेलने आते थे। यह वह स्थान है जिसे भगवान श्रीकृष्ण ने राधा से मिलने के लिए चुना था। वर्तमान में रमणरेतीधाम विशाल परिसर में फैला हुआ है। यहा रमण बिहारी जी के प्राचीन मंदिर के साथ कुछ अन्य दिव्य मंदिर, एक अभयारण्य और तपस्या के लिए संतों का प्रिय स्थान है। तीर्थयात्रियों के लिए भी सभी सुविधाएं रमणरेतीधाम क्षेत्र में उपलब्ध है।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/बृजनंदन

   

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