ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी घुसपैठियों एवं रोहिंग्या के लिए ओबीसी आरक्षण में डाका डाला : केशव प्रसाद मौर्य

- उपमुख्यमंत्री ने कहा, कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड दलित, पिछड़ा और आदिवासियों के साथ अन्याय का रहा

प्रयागराज, 23 मई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल कोलकाता हाईकोर्ट द्वारा 5 लाख अंसवैधानिक रूप बनाए गए ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द किए जाने के फैसले का स्वागत करता हूं। फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दिया गया बयान एक घटिया तुष्टिकरण की राजनीति से प्रेरित है, जिसकी मैं निंदा करता हूं।

यह बातें उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी सिविल लाइन कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि भाजपा ममता बनर्जी के खिलाफ ओबीसी आरक्षण में बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों और घुसपैठियों को ओबीसी आरक्षण में असंवैधानिक रूप से लाभ दिए जाने को लेकर विरोध करती रही है, जो आज सिद्ध हो गया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी अपनी वोट बैंक की घटिया तुष्टिकरण की राजनीति के लिए ओबीसी के आरक्षण में डाका डालकर बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों और घुसपैठियों को देना चाहती है। लेकिन भाजपा किसी भी कीमत पर देश के पिछड़ों, दलितों और वंचितों का हक छिनने नहीं देगी।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 सालों तक देश के गरीब, दलित, पिछड़े आदिवासी एवं महिलाओं के साथ अन्याय करती रही। अब स्वयं शहजादे ने भी इस बात की मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा कि कल एक कार्यक्रम में कांग्रेस के शहजादे ने एक बड़ा सच स्वयं ही स्वीकार कर लिया है कि उनकी दादी, उनके पिताजी, उनकी माता के समय जो सिस्टम बना वह दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों का घोर विरोधी रहा है। कांग्रेस ने इसी सिस्टम से एससी, एसटी, ओबीसी की कितनी ही पीढ़ियों को तबाह किया और आज कांग्रेस की काली सच्चाई देश की जनता के सामने आ गई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 40 साल तक ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता नहीं दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देने का कार्य किया।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासित राज्यों में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देने का पाप किया और आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस ऐसा करने के कई बार प्रयास कर चुकी है और कर्नाटक में तो दिया भी जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दलितों से इतनी चिढ़ थी कि पंडित नेहरू और इंदिरा गांधी ने अपने जीते जी प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए खुद को तो भारत रत्न दिया जबकि बाबा साहब को नहीं दिया और संसद में बाबा साहब का चित्र भी नहीं लगने दिया। लेकिन जब केंद्र में भाजपा की सरकार बनी तो बाबा भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने स्वयं कहा था कि पंडित नेहरू ने दलितों पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं किया और कहा कि रंगनाथ मिश्र की कमेटी हो या सच्चर कमेटी हो हर बार कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों एवं आदिवासियों के हक को छीनने की साजिश रची। वास्तव में कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड दलितों पिछड़ों, गरीबों और आदिवासियों के साथ अन्याय का रहा है। इस बात की पुष्टि मनमोहन सरकार ने दो-दो बार की, कि देश की संसाधनों पर पहला हक मुसलमानो का है और राहुल गांधी भी कह चुके हैं कि मुसलमान को हम आरक्षण देंगे और यही सोच पूरे इंडी गठबंधन की है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है। प्रधानमंत्री ने स्वयं कहा था कि बाबा भीमराव अंबेडकर का संविधान हमारे लिए धर्म ग्रंथ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 वर्षों का शानदार कार्यकाल देश की ऊंचाइयों पर ले गया और गरीब कल्याण के लिए रहा।

इस अवसर पर महापौर गणेश केसरवानी, महानगर अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा, श्रीप्रकाश मालवीय, अवधेश चंद्र गुप्ता, वरुण केसरवानी, रमेश पासी, जिला मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी एवं मीडिया प्रभारी विवेक मिश्रा, देवेंद्र नाथ मिश्रा, सुरेश मौर्य, अनुज परिहार, कुलदीप मिश्र सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

   

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