2009 के बाद पहला लोकसभा चुनाव है जब मोदी बलिया नहीं आए

बलिया, 26 मई (हि.स.)। पूर्वांचल की अहम संसदीय सीट बलिया से पार्टी प्रत्याशी नीरज शेखर के पक्ष में प्रचार के लिए भाजपा के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बलिया की धरती पर नहीं आए। उन्होंने रविवार को मऊ जिले के रतनपुरा से ही बलिया, घोसी और सलेमपुर से एनडीए उम्मीदवारों के लिए वोट मांगा। 2009 के बाद यह पहला अवसर है जब मोदी बलिया की धरती पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं आए।

हालांकि, हिंदुत्व के प्रखर चेहरा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत भाजपा के कई दिग्गज बलिया में जीत की हैट्रिक के लिए जनसमर्थन मांगने आ चुके हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी 2009 में बलिया जिला मुख्यालय पर तब के प्रत्याशी मनोज सिन्हा के पक्ष में जनसभा को सम्बोधित करने आए थे। बतौर पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी 2014 के लोकसभा चुनाव में 44 दिनों तक चले अपने चुनावी अभियान का समापन ही बलिया में किया था। अलबत्ता 2019 के लोकसभा चुनाव में वे चुनाव प्रचार खत्म होने से चार दिन पहले ही आए थे। लेकिन इस बार मोदी के बलिया लोकसभा की सीमा में नहीं आने से भाजपा कार्यकर्ताओं में थोड़ी मायूसी जरूर है पर रतनपुरा की सभा से निकले संदेश से गदगद भी हैं। माना जा रहा है कि मोदी ने रतनपुरा में घोसी, बलिया और सलेमपुर के प्रत्याशियों के लिए संयुक्त जनसभा कर एनडीए उम्मीदवारों के पक्ष में हवा बना दी है। अब वे शायद ही बलिया में आएं, क्योंकि चुनाव प्रचार में अब काफी कम दिन बचे हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा 22 मई को जनाड़ी में आ चुके हैं। 25 को मुख्यमंत्री योगी बैरिया में आये थे।

सूत्रों की मानें तो भाजपा प्रत्याशी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्वशर्मा की भी डिमांड की गई है। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान की भी डिमांड की गई है। कई और सेलिब्रिटी चेहरों की मांग की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज

/राजेश

   

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