प्रेमजाल में फंसा नाबालिग से यौन शोषण बाद गर्भपात के आरोपित को बीस साल की सजा

अररिया, 29 मई(हि.स.)।अररिया अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश षष्टम सह पॉस्को मामलों के विशेष न्यायाधीश अजय कुमार के कोर्ट ने साढ़े तीन साल पुराने मामले में प्रेमी को बीस साल की सश्रम कारावास की सजा और 50 हजार रूपये जुर्माने की सजा सुनाई है।मामला प्रेम जाल में नाबालिग लड़की को फंसा कर गर्भवती बनाने के बाद प्रेमी द्वारा उसका गर्भपात कराने का है।

सजा सुनाया जाने वाला प्रेमी ताराबाड़ी थाना क्षेत्र के पैरवाखुड़ी वार्ड संख्या 7 के रहने वाले देवनारायण सिंह के 27 वर्षीय पुत्र त्रिलोक कुमार है।हालांकि मामले में दोषी ठहराए गए त्रिलोक कुमार के पिता देव नारायण सिंह को भी आरोपित किया गया थालेकिन साक्ष्य के अभाव में कोर्ट ने देव नारायण सिंह को बाईज्जत बरी कर दिया।

एडीजे सिक्स अजय कुमार ने यह सजा विशेष पॉस्को एक्ट के तहत सुनाई।यह मामला अररिया महिला थाना दर्ज किया गया था। न्यायालय ने अपने न्यायायिक निर्णय में विक्टिम्स कंपनसेशन एक्ट के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा बिहार सरकार से पांच लाख रुपये क्षतिपूर्ति करने का भी आदेश दिया है।इसमें दस हजार रुपये पूर्व में ही न्यायालय के आदेश पर 8 दिसम्बर 2020 को पीड़िता को दिया जा चुका है।

दर्ज कराई गई प्राथमिकी के अनुसार,पीड़िता को 7 नवम्बर 2020 को मदनपुर धोकरिया स्थित काली मंदिर परिसर में दोषी ठहराए गए त्रिलोक कुमार से मुलाकात हुई थी।ही उक्त मुलाकात के बाद बातचीत और घर आने जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया।प्रेम प्रसंग में दोनों में शारीरिक संबंध स्थापित हुए और इस दौरान युवती गर्भवती हो गई,जिसकी जानकारी प्रेमी को देने पर दवा खिलाकर गर्भपात करवा दिया गया।

दर्ज प्राथमिकी में बताया गया कि पीड़िता ने जब शादी के लिए दवाब दिया तो दोषी अपनी बहन के शादी के बाद शादी करने का आश्वासन देकर पुनः उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया।पीड़िता के परिजनों ने शादी का प्रस्ताव रखा तो उसके पिता ने 50 हजार रुपये हर्जाना देने की बात कह कर किसी और से शादी करवाने की बात किया।इस बात को लेकर सरपंच और मुखिया ने पंचायत भी की,जिसमे देव नारायण सिंह शादी करवाने के लिए दस लाख रुपये और एक चार चक्का गाड़ी की मांग किया। जिससे लाचार होकर पीड़िता ने प्राथिमिकी दर्ज कराई ।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/चंदा

   

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