पर्सनल लॉ या शरीयत से नहीं, बाबा साहब के बनाए संविधान से चलेगा देश : योगी

गोरखपुर, 29 मई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक बार फिर कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर संविधान का मखौल उड़ाने और एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण में सेंध लगाकर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को बांटने के कुत्सित प्रयास करने का आरोप लगाया।

बुधवार को अपनी जनसभाओं को संबोधित करने के लिए गोरखपुर से निकलने से पहले सीएम योगी ने एक बार फिर स्पष्ट रूप से कहा कि यह देश बाबा साहब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान से चलेगा, न कि पर्सनल और शरीयत कानून से। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी अपनी हार सुनिश्चित मानकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। इनकी मंशा कभी पूरी नहीं होगी। भारत की जनता बहुत जागरूक है और वह मोदी जी के नेतृत्व में फिर एक बार मोदी सरकार बनाएगी और अब तो जनता की ओर से ही आवाज आ रही है कि जो राम को लाए हैं हम उनको लाएंगे और राम भक्त ही राज करेगा दिल्ली के सिंहासन पर। स्वाभाविक रूप से मोदी जी ही परम राम भक्त और परम राष्ट्र भक्त हैं। मोदी के नेतृत्व में एनडीए और भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी और इस दिशा में हम आगे बढ़ चुके हैं।

कांग्रेस और इंडी गठबंधन ने उड़ाया है संविधान का सर्वाधिक मखौल

सीएम योगी ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन पर प्रहार करते हुए कहा कि संविधान का सबसे ज्यादा मखौल कांग्रेस पार्टी और इंडी गठबंधन से जुड़े लोगों ने उड़ाया है और आज भी वह यही कर रहे हैं। देश के अंदर स्वतंत्र भारत में संविधान बना ही था कि बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के विपरीत जाकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने धारा 370 को देश के संविधान में जबरन डालने का काम किया था। कांग्रेस ने संविधान में कितने संशोधन किए यह किसी से छुपे नहीं हैं। कांग्रेस ने अपनी पहली ही सरकार में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कैद करने का कार्य किया था तो 1975 में इमरजेंसी के माध्यम से संविधान का गला घोंटने का काम भी कांग्रेस ने ही किया था। बाबा साहब भीमराव आंबेडकर बार-बार इस बात को कहते थे कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता। उन्होंने संविधान सभा में भी और बाद में भी इसका विरोध किया, लेकिन कांग्रेस ने लगातार यह प्रयास किया कि एससी, एसटी, ओबीसी के मिलने वाले आरक्षण में सेंध लगाकर इसमें से कुछ हिस्सा काटकर अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को दे दिया जाए।

उन्होंने कहा कि यूपीए गवर्नमेंट के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का एक बयान जगजाहिर है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के संसाधनों में पहला अधिकार मुसलमानों का है। यूपीए सरकार के समय जस्टिस रंगनाथ मिश्रा कमेटी और जस्टिस राजेंद्र सच्चर कमेटी एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण में सेंध लगाने की कुत्सित मंशा के साथ ही बनाई गई थी। कांग्रेस की आंध्रप्रदेश और कर्नाटक की सरकार ने ओबीसी के आरक्षण को मुसलमानों में बांटने का बंदरबांट भी किया है।

सीएम योगी ने कांग्रेस समेत उसके गठबंधन के अन्य दलों पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि संविधान का सर्वाधिक मजाक कांग्रेस और उसके गठबंधन चाहे वो सपा हो, टीएमसी हो, आरजेडी हो या फिर आम आदमी पार्टी हो, इन सभी ने उड़ाया है और ये लोग आज भी यही प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने 2012 और 2014 के इलेक्शन में अपने मैनिफेस्टो में इस बात का उल्लेख किया था कि वह मुसलमानों को भी आरक्षण देगी। उत्तर प्रदेश की पीएसी में 15 फीसदी आरक्षण की घोषणा भी इसी समाजवादी पार्टी ने की थी। सपा का चरित्र जगजाहिर है, इसी तरह आरजेडी में लालू यादव भी बोल चुके हैं कि बिहार के अंदर सभी मुसलमानों को वे आरक्षण का लाभ देंगे। टीएमसी के एक फैसले को कलकत्ता हाईकोर्ट ने अभी पूरी तरह पलटकर वहां की सरकार के मुंह पर तमाचा मारा है और कहा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं हो सकता।

कांग्रेस का मैनिफेस्टो कहता है कि यह भारत के अंदर पर्सनल लॉ लागू करेंगे, पर्सनल लॉ लागू करने का मतलब तालिबानी शासन। बेटी स्कूल नहीं जा पाएगी, माताएं, बहनें बाजार और ऑफिस नहीं जा पाएंगी। बुर्का पहनकर घर में दबा रहना पड़ेगा। मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी बेटियों के सम्मान और उनकी सुरक्षा के प्रति संकल्पित है। भाजपा ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दिया है तो मातृ वंदना योजना भी लाए हैं। नारी शक्ति वंदन अधिनियम को संसद में पारित करवा कर महिलाओं को विधानसभा और संसद में 33 फीसदी आरक्षण की सुविधा प्रदान करने का काम भी किया है। बीजेपी की यह घोषणा है कि देश बाबा साहब भीमराव आंबेडकर के द्वारा बनाए गए संविधान से चलेगा। ये देश पर्सनल कॉनून और शरिया कानून से नहीं चलेगा।

हिंदुस्थान समाचार/ प्रिंस पांडेय/राजेश

   

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