गहलोत सरकार की गलत नीतियों का परिणाम भुगत रहा राजस्थान : अरूण चतुर्वेदी

जयपुर, 30 मई (हि.स.)। प्रदेश में भीषण गर्मी के चलते पैदा हुए पानी बिजली के संकट पर कांग्रेस नेताओं द्वारा की जा रही ओछी राजनीति पर पलटवार करते हुए भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी, कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल और भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप धनखड़ ने इस संकट के लिए पूर्ववर्ती गहलोत सरकार को जिम्मेदार ठहराया। तीनों नेता गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने कहा कि जब मुख्यमंत्री गहलोत के पास प्रदेश के लिए कुछ करने का अवसर था तब उन्होने कुछ किया नहीं, और अब प्राकृतिक प्रकोप पर राजनीति कर रहे हैं। गहलोत और डोटासरा को बंद ऐसी कमरों में बैठकर ट्वीट करने के बजाय फील्ड में जनता के बीच जाना चाहिए और उनकी समस्याएं सुननी चाहिएं। गहलोत एक घोषणावीर मुख्यमंत्री है उनके लिए यह मुहावरा सटीक है कि बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय। 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में जल समस्या के समाधान की दिशा में ऐतिहासिक जल जीवन मिशन शुरू करने की घोषणा की थी। इस मिशन में भी गहलोत सरकार ने टेंडर घोटाला कर प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया। केंद्र सरकार की ओर से जल जीवन मिशन योजना के तहत राजस्थान को 27 हजार करोड़ फंड दिया गया था, लेकिन गहलोत सरकार ने इस फंड में से महज छह हजार करोड़ ही खर्च किया। वहीं जल जीवन मिशन के तहत भाजपा सरकार ने 14,361 करोड़ के 42 टेंडर निकाले हैं। राजस्थान देश की कुल जनसंख्या का 10 प्रतिशत पानी खर्च करता है, जबकि हमारे पास पानी की उपलब्धता केवल एक प्रतिशत ही है।

पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय प्रदेश में औसत जल कनेक्शन 986 थे, जबकि वर्तमान में भाजपा की भजनलाल सरकार के नेतृत्व में केवल तीन महिने में इन कनेक्शनों की संख्या बढ़कर 3877 कनेक्शन प्रतिदिन करने का काम किया है। पानी और बिजली दोनों विषयों को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने कोई काम नहीं किया। आज भाजपा की सरकार बनने के बाद केवल भ्रम का माहौल पैदा करने के लिए कांग्रेसी नेताओं द्वारा ओछी राजनीति की जा रही है। प्रदेश में कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली की सुचारू सप्लाई के लिए कोई काम नहीं किया गया। राजस्थान में बिजली के कई प्रोजेक्ट कोल आधारित है, ऐसे में छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों जगह कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद गहलोत के कार्यकाल में प्रदेश में कोयला संकट बना रहा। प्रदेश के कई थर्मल पाॅवर प्लांट बंद हो गए थे। वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनते ही आपसी सामंजस्य से महज तीन माह में कोल को लेकर कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट पर एग्रीमेंट किए गए, जिनसे प्रदेश को 3325 मेगावाट बिजली मिलेगी। इसके साथ ही भाजपा की भजनलाल सरकार ने सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्र में भी कई प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया। भाजपा सरकार ने कुसुम योजना के तहत अगले दो वर्षों में 5200 मेगावाट के संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा है, जिस पर काम शुरू हो गया। वहीं दूसरी ओर पूर्व सीएम अशोक गहलोत और उनकी पार्टी के नेता लगातार पांच साल तक शासन में रह कर झूठ पर झूठ बोलते रहे और प्रदेश की जनता को झूठा आश्वासन देते रहे।

भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बकाया होने को लेकर कांग्रेसी नेताओं द्वारा पूर्ण रूप से भ्रम फैलाया जा रहा है। जबकि भाजपा की भजनलाल सरकार ने सत्ता में आने के बाद सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रतिमाह पहुंचाने का कार्य किया। मार्च 2024 तक सभी पात्र पेंशनधारियों को सरकार ने पेंशन दी है। इतना ही नहीं, भाजपा द्वारा संकल्प पत्र में किए गए वादे को पूरा करते हुए एक अप्रैल 2024 से 15 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ पेंशन देने की दिशा में भी काम पूरा किया जा चुका है। चार जून के बाद आचार संहिता हटने के साथ ही पेंशनधारियों को बढ़ी हुई पेंशन मिलेगी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एवं विधायक कुलदीप धनखड़ ने कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी को देखते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर कंट्रोल रूम बनाया गया है। कंट्रोल रूम में प्रतिदिन मॉनिटरिंग के लिए भाजपा प्रदेश पदाधिकारी एंव अन्य कार्यकर्ता आमजन की शिकायतें सुनकर उनका समाधान करेंगे। प्रदेशवासी 0141-2220841 नंबरों पर फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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