प्यासे को पानी पिलाना सबसे बड़ा ईश्वरीय कार्य : संजय अग्रवाल

एनआर ग्रुप की मानवीय पहल : चिलचिलाती गर्मी में राहगीरों को बीतें अप्रैल से पिला रहे हैं ठंडा शरबत

रायगढ़ , 31 मई (हि.स.)। संस्कार धानी नगरी रायगढ़ को दशकों से अपनी असाधारण दानशीलता और समाजसेवा भावना के लिए पूरे राज्य सहित देश में खासे सम्मान की दृष्टि से देखा जाता रहा है। इस महान परंपरा को शुरू करने का श्रेय दानवीर सेठ किरोड़ीमल जी को जाता है, लेकिन वर्तमान में रायगढ़ की नई पीढ़ी भी इस परंपरा को उसी मानवीय संवेदना और सेवा भावना के साथ आगे बढ़ा रही है।

इस परिप्रेक्ष्य में रायगढ़ के एनआर ग्रुप्स का नाम ऐसे चुनींदा प्रतिष्ठानों में शुमार है जो धर्म व मानवसेवा से जुड़े सामाजिक कार्यों में पिछले एक दशक से बेहद संजीदगी पूर्ण ढंग से अपना उल्लेखनीय योगदान दे रहे हैं। वर्तमान में रायगढ़ सहित समूचे छग राज्य भीषण गर्मी की मार झेल रहा है रायगढ़ सहित ज्यादातर शहरों में पारा पिछले 4-5 दिनों से 45 डिग्री से ऊपर बना हुआ है चिलचिलाती धूप से लोगों का जीना मुहाल है ऐसे प्रतिकूल समय में भी एनआर ग्रुप रायगढ़ के द्वारा शहर के सबसे व्यस्ततम ढिमरापुर चौक यूनियन बैंक के सामने बीते अप्रैल महीने के प्रथम हफ्ते से शरबत का स्टॉल लगाया गया है, जहां प्रतिदिन देर सुबह 10 बजे के बाद से ही शाम 5 बजे तक नियमित रूप से वहां से गुजरने वाले राहगीरों को ठंडा शरबत पिलाया जा रहा है जिससे राहगीरों के तप्त कंठो को शीतलता मिल रही है।

एनआर ग्रुप्स द्वारा लगाए गए शर्बत स्टॉल में एनआर ग्रुप्स के सेवाभावी कर्मचारी गोपाल शर्मा अपने एक दो सहयोगियों के साथ पूरे दिन वहां से गुजरने वाले राहगीरों को ठंडा शर्बत पिलाने के पुण्य के काम में लगे हुए हैं। संस्था के डायरेक्टर संजय अग्रवाल का मानना है कि प्यासे को पानी पिलाने से बड़ा कोई भी मानवीय कार्य नहीं है और ईश्वर ने उन्हें इस कार्य को करने के लिए अवसर दिया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ रघुवीर प्रधान

   

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