महिला डिग्री कॉलेज कठुआ ने विश्व तंबाकू दिवस पर वेबिनार का आयोजन किया

कठुआ 01 जून (हि.स.)। विश्व तंबाकू दिवस पर सरकारी महिला डिग्री कॉलेज कठुआ के नशा मुक्ति मनोवैज्ञानिक परामर्श कक्ष ने वर्तमान परिदृश्य पर प्रकाश डालने के लिए तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बच्चों की सुरक्षा विषय पर वेबिनार का आयोजन किया।

कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज की प्राचार्या डॉ. सावी वहल के मार्गदर्शन में किया गया। जिसमें स्वास्थ्य और कृषि विज्ञान केंद्र कठुआ सहित विभिन्न विभागों की सक्रिय भागीदारी थी। वेबिनार के प्रतिष्ठित वक्ता डॉ विशाल महाजन मुख्य वैज्ञानिक और प्रमुख केवीके कठुआ और डॉ रीतिका गुप्ता एमडी (पैथोलॉजी) थे। उद्घाटन भाषण के दौरान ड्रग डी-एडिक्शन साइकोलॉजिकल सेल की संयोजक डॉ. रेनू गुप्ता ने कहा कि यह दिन तंबाकू के उपयोग से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें धूम्रपान और तम्बाकू उत्पादों के उपयोग से होने वाले जोखिम शामिल हैं, जो कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और श्वसन संबंधी बीमारियों जैसी स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करते हैं।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024 का विषय बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना है। संदेश भावी पीढ़ियों की रक्षा करना और तंबाकू की खपत में निरंतर कमी सुनिश्चित करना है। लोगों को संभावित स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करने और तंबाकू की खपत को कम करने के लिए कुशल नीतियों की वकालत करने के लिए हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है। यह दिन हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर और कुछ श्वसन संबंधी बीमारियों जैसे कई स्वास्थ्य जोखिमों की याद दिलाता है। धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए घातक है, जिससे हर साल लाखों मौतें होती हैं, जिससे स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर भारी बोझ पड़ता है। मुख्य भाषण के दौरान डॉ. विशाल महाजन ने कहा कि देश के युवाओं में तंबाकू के उपयोग को कम करने के लिए युवाओं में तंबाकू उत्पादों के उपयोग को रोकना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि तम्बाकू दुरुपयोग के विषय पर हमारे युवाओं को संवेदनशील बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। वे हमारे युवाओं का जीवन बर्बाद कर रहे हैं और उनके भविष्य को घोर अंधकार में डाल रहे हैं। तम्बाकू उत्पाद का उपयोग मुख्य रूप से किशोरावस्था के दौरान शुरू और स्थापित होता है। प्रतिदिन सिगरेट पीने वाले 10 में से लगभग 9 वयस्क 18 वर्ष की आयु तक पहली बार धूम्रपान करने का प्रयास करते हैं। तंबाकू उत्पादों में मौजूद स्वाद उन्हें युवाओं के लिए अधिक आकर्षक बना सकते हैं।

डॉ. रीतिका गुप्ता ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि किशोर तंबाकू का सेवन शुरू करने के लिए सबसे संवेदनशील आबादी हैं। यह अच्छी तरह से स्थापित है कि तम्बाकू का सेवन करने वाले अधिकांश वयस्क बचपन या किशोरावस्था में ही तम्बाकू का सेवन शुरू कर देते हैं। तम्बाकू के हानिकारक प्रभावों को समझने के बाद विकसित देशों में धूम्रपान में उल्लेखनीय गिरावट आई है। तंबाकू कंपनियां अब भारत जैसे विकासशील देशों में अपनी विज्ञापन रणनीतियों को आक्रामक रूप से लक्षित कर रही हैं। इस तरह के प्रचार के कारण अक्सर किशोर तंबाकू उत्पादों की ओर आकर्षित हो जाते हैं। देश में हाल के वर्षों में धुआं रहित तंबाकू उत्पादों के व्यापार और उपयोग में तेजी से वृद्धि हुई है जो स्वास्थ्य योजनाकारों के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

हिन्दुस्थान समाचार/सचिन/बलवान

   

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