अररिया में जंगली बंदर ने तीन-चार बच्चों को काटा तो लोगों ने मारने के लिए खदेड़ा, सुफियान ने बचाया बंदर के बच्चे की जान

फारबिसगंज/अररिया, 01जून (हि.स.)। अररिया सदर प्रखंड क्षेत्र के बेलवा पंचायत में एक जंगली बंदर के तीन-चार बच्चों को काट लिया। जिससे ग्रामीण उग्र हो गए और बंदर के बच्चे को मारने के लिए उसे खदेड़ने लगे। इसी बीच बंदर का बच्चे भागते देख बेलवा पंचायत के मिर्जा भाग स्थित मोहम्मद सुफियान के आम के बगीचे में पहुंच गया।

जिसके बाद सुफियान ने उक्त बंदर के बच्चे को पकड़ लिया और स्थानीय लोगों को समझा बूझाकर लोगों से वादा किया कि वह बंदर के बच्चे को एंटी रेबीज का इंजेक्शन लगवा देंगे। वहीं लोग इस बंदर के बच्चे को ना मारे, जिसपर लोग मान गए। फिर सुफियान बंदर के बच्चे को लेकर शहर के मवेशी अस्पताल पहुंचा, जहां उसे एंटी रेबीज का इंजेक्शन नहीं मिला।

वही, जिसके बाद सुफियान ने बाजार से खरीद कर बंदर के बच्चे को सुई दिलाई। यह घटना लोगों में यह संदेश देता है कि इंसानियत और सहानुभूति का अभाव नहीं है और हमें सभी जीवों के प्रति दया और समर्पण की दिशा में काम करना चाहिए। मोहम्मद सुफियान ने वन विभाग से बंदरों के संरक्षण को लेकर आवश्यक पहल करने की मांग की है। वही, मवेशी अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर अज्ञेय पुष्प ने बताया कि बिहार के किसी भी मवेशी अस्पताल में एंटी रेबीज का टीका नहीं लगाया जाता है। क्योंकि उन्हें एंटी रेबीज की सप्लाई नहीं मिलती है। जिससे पशुपालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर किसी पशु में एंटी रेबीज फैल जाता है तो पशु की मौत हो जाती है। वही, उन्होंने यह भी बताया की विभाग को एंटी रेबीज के टीका को लेकर कई बार लिखा गया है। पर बिहार के किसी भी मवेशी अस्पताल में अब तक एंटी रेबीज का टीका उपलब्ध नहीं कराया गया है। साथी उन्होंने कहा कि पशु हो या इंसान हो उसके अंदर एंटी रेबीज का रिएक्शन 20 सालों में किसी भी वक्त हो सकता है। जिससे पशुपालक को सावधानी बरतने की जरूरत है।

हिन्दुस्थान समाचार/ प्रिंस कुमार /गोविन्द

   

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