संत कबीर महाराज की 626वीं जयंती मनाई गई

जम्मू, 3 जून (हि.स.)। शिरोमणि संत कबीर साहिब महाराज का 626वां जन्मदिवस श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। कोटली गला बाना, आर.एस. पुरा गांव से एक शानदार शोभा यात्रा शुरू हुई और आर.एस. पुरा के मुख्य बाजारों से गुजरी, जहां स्थानीय लोगों ने भक्तों को मीठा पानी और जलपान परोसकर प्रतिभागियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।

संत कबीर के जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती आकर्षक झांकियां शोभा यात्रा का हिस्सा थीं, जिसमें जम्मू जिले भर से भक्तों ने भाग लिया। इस अवसर पर चमन लाल फ्लोरिया ने कहा कि शोभा यात्रा का उद्देश्य सद्गुरु कबीर महाराज की विचारधारा का संदेश देना है, जो मानवता तथा सभी मानव जाति के कल्याण पर आधारित है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति या पंथ का हो।

उन्होंने संत कबीर के जीवन पर प्रकाश डाला तथा समाज से सामाजिक बुराइयों को मिटाने में उनके योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि संत कबीर का सबसे बड़ा योगदान सामाजिक और आर्थिक न्याय पर आधारित एक सामंजस्यपूर्ण समाज की स्थापना में था। उन्होंने कहा कि संत कबीर ही थे जिन्होंने एक ऐसे समाज की कल्पना की थी, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति और समुदाय को समान माना जाएगा।

उन्होंने कहा कि संत कबीर जी जैसे महान संतों और गुरुओं के उपदेशों ने भारतीय समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसकी मिश्रित संस्कृति की अनूठी विशेषता है। उन्होंने लोगों से आज के भ्रम और अराजकता के युग की चुनौतियों से लड़ने के लिए ऐसी आध्यात्मिक शिक्षाओं को अपने अंदर समाहित करने का आह्वान किया।

इसी बीच बाबा भगवान दास जी महाराज और माता बिमला देवी सहित कई पूज्य व्यक्तियों ने स्थानीय और दूरदराज के क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान किया। बाबा उदास मार्ग संस्था की ओर से श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। शोभा यात्रा का समापन संत कबीर मंदिर, कबीर नगर, कोटली गला बाना, आर.एस.पुरा में हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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