लोस चुनाव : उप्र में पांच मुस्लिम प्रत्याशी विजयी, 2019 में छह पहुंचे थे दिल्ली

लखनऊ, 05 जून (हि.स.)। 18वीं लोकसभा के चुनाव नतीजों में उत्तर प्रदेश से पांच मुस्लिम सांसदों ने जीत हासिल की है। इनमें से चार समाजवादी पार्टी (सपा) और 1 कांग्रेस से है। जीते हुए मुस्लिम प्रत्याशियों में चार वेस्ट यूपी और एक पूर्वांचल से हैं। सपा ने चार सीटों पर मुस्लिम को प्रत्याशी बनाया है और दो सीट पर कांग्रेस ने टिकट दिया। बसपा ने 23 मुस्लिमों को प्रत्याशी बनाकर अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। हालांकि इस चुनाव में उसका खाता ही नहीं खुल सका। बता दें, 2019 के आम चुनाव में छह मुस्लिम सांसद उप्र से जीतने में कामयाब हुए।

आजादी के बाद से ही यूपी में मुस्लिम सांसद चुने जाते रहे हैं। सबसे ज्यादा 18 मुस्लिम सांसद 1980 और सबसे कम 3 सांसद 1991 में चुने गए थे। 2014 में वोटों के ध्रुवीकरण और विपक्ष के बिखराव से उनका प्रतिनिधित्व शून्य रह गया था।

सपा ने चार मुस्लिम प्रत्याशी उतारे, सभी जीते

समाजवादी पार्टी ने उप्र की कैराना, रामपुर, गाजीपुर और संभल लोकसभा सीट से सपा ने मुस्लिम प्रत्याशियों को टिकट दिया था। इन चारों सीटों पर उसके प्रत्याशियों को जीत मिली है। कैराना से सपा की इकरा चौधरी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदीप कुमार को 69,116 हज़ार वोटों से हराया। रामपुर से सपा के मोहिबुल्लाह ने 87,434 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, संभल से जिया उर रहमान 1,21,494 वोटों के अंतर से जीते। वहीं गाजीपुर से अफ़ज़ल अंसारी ने बीजेपी के पारस नाथ राय को 1,24,861 वोटों के अंतर से शिकस्त देकर कुर्सी पर कब्जा किया। गौरतलब है, 2024 के चुनाव में सपा-कांग्रेस के बीच गठबंधन है।

कांग्रेस की टिकट पर जीते इमरान मसूद

प्रदेश की ससंदीय सीट संख्या 1 सहारनुपर में कांग्रेस की टिकट पर इमरान मसूद मैदान में थे। इमरान मसूद ने बीजेपी के राघव लखनपाल को 64,542 वोटों के अंतर से परास्त किया।

उप्र में करीब 19 फीसदी मुस्लिम आबादी

उत्तर प्रदेश में करीब 19 फीसदी मुस्लिम यानि 3.84 करोड़ आबादी हैं। देश के किसी राज्य में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी अनुपात के हिसाब से असम बंगाल और केरल के बाद यूपी का नंबर आता है। पूर्वांचल के कुछ हिस्सों में मुसलमान हैं तो पश्चिमी यूपी में मुसलमानों की बड़ी तादाद है। पश्चिमी यूपी में 26.21 फीसदी आबादी मुसलमानों की है। सूबे के 7 जिलों में मुसलमानों की आबादी 40 फीसदी से ज्यादा है, इन्हीं सात जिलों में से छह जगह पर मुस्लिम सांसद 2019 में चुने गए थे।

2014 और 2019 में उप्र में कितने मुस्लिम सांसद थे?

सबसे दिलचस्प बात ये रही कि 2014 चुनाव में उत्तर प्रदेश में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार संसद तक नहीं पहुंच सका था। हालांकि, कैराना उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने भाजपा उम्मीदवार मृगांका सिंह को हराया था। उन्हें सपा-बसपा और कांग्रेस ने समर्थन दिया था। ये सीट हुकुम सिंह के निधन से खाली हुई थी।

2019 के चुनाव में यूपी से 6 मुसलमान सांसद चुने थे। इसमें बसपा और सपा के 3-3 सांसद रहे। बसपा से कुंवर दानिश ने अमरोहा से तो अफजाल अंसारी ने गाजीपुर और सहारनपुर से हाजी फजर्लुरहमान ने जीत हासिल की थी। वहीं, सपा से आजम खान ने रामपुर, शफीकुर्रमान ने संभल से तो डॉ. एसटी हसन मुरादाबाद से जीते थे। हालांकि, 2022 में आजम खान ने रामपुर सीट से इस्तीफा देने के बाद उपचुनाव में बीजेपी ने कब्जा जमा लिया था। इस चुनाव में सपा के साथ मिलकर बसपा चुनाव लड़ा था और प्रदेश की 80 में से 10 सीट पर सपा-बसपा गठबंधन ने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे थे। सपा ने अपने कोटे की 37 में से 4 सीट पर मु्स्लिम प्रत्याशी दिए तो बसपा ने अपने कोटे की 38 में से 6 सीट पर मुस्लिमों को टिकट दिया था।

उप्र की मुस्लिम बहुल सीटें

मुरादाबाद, रामपुर, बिजनौर, कैराना, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बरेली, मेरठ, सम्भल, बलरामपुर, मऊ, बदायूं, बहराइच, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, फिरोजाबाद, आजमगढ़, गाजियाबाद, बाराबंकी, अमरोहा, खीरी, लखनऊ।

कब कितने मुस्लिम सांसद बने

1980 - 18 सांसद

1984 - 12 सांसद

1989 - 08 सांसद

1991 - 03 सांसद

1996 - 05 सांसद

1998 - 06 सांसद

1999 - 08 सांसद

2004 - 10 सांसद

2009 - 07 सांसद

2014 - 00 सांसद

2019 - 06 सांसद

2024 - 05 सांसद

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

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