सुहागिन महिलाएं अपने पति की दिर्धायु के लिए किया वट सावित्री पूजा

जगदलपुर, 6 जून (हि.स.)। जिला मुख्यालय के शिवालयों में वट सावित्री पूजा के लिए आज गुरुवार को सुहागिन महिलाएं अपने पति की दिर्धायु के लिए व्रत रखकर वट वृक्ष की पूजा कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वट सावित्री पूजा विधान माता सती सावित्री से जुड़ा हुआ है। देवी सावित्री ने पति के प्राणों की रक्षा के लिए विधि के विधान को बदल दिया था। माता सती सावित्री अपने सतीत्व और कठोर तपस्या से सावित्री ने यमराज को अपने पति सत्यवान के प्राण लौटाने पर विवश कर दिया था। यमराज ने वटवृक्ष के नीचे ही सत्यवान के प्राणदान देने के लिए विवश होना पड़ा था। इसके साथ ही यमराज ने यह वरदान भी दिया था कि जो भी सुहागिनें वटवृक्ष की पूजा करेंगी, उन्हें अखंड सौभाग्यवती का पुण्य लाभ प्राप्त होगा। सुहागिन स्त्रियां माता सावित्री को साक्षी मानकर वटवृक्ष के नीचे पूजा करती हैं और पति की दीर्धायु की कामना करती हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/राकेश पांडे

   

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