हिसार: योग भारतीय धर्म, दर्शन, अध्यात्म संस्कृति एवं सभ्यता का मूल तत्व : नरसी राम बिश्नोई

हिसार, 6 मई (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के फिजियोथेरेपी विभाग के तत्वावधान में विगत वर्षों की भांति दसवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। योग दिवस के उपलक्ष्य में 12 दिवसीय योग शिविर आगामी 10 जून से प्रारम्भ होने जा रहा है जिसके अंतर्गत प्रतिदिन विभिन्न योगिक गतिविधियां संचालित की जाएंगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने वर्तमान समय में योग का महत्व बताते हुए कहा कि योग भारत की संस्कृति ही नहीं जीवनशैली भी है। योग भारतीय धर्म, दर्शन, अध्यात्म संस्कृति एवं सभ्यता का मूल तत्व है। योग एक पूर्ण विज्ञान है, एक पूर्ण जीवन शैली है, एक पूर्ण चिकित्सा पद्धति है एवं एक पूर्ण अध्यात्म विद्या भी है। योग की लोकप्रियता का रहस्य यह है कि यह लिंग, जाति, वर्ग, संप्रदाय, क्षेत्र एवं भाषा भेद की संकीर्णताओं से कभी आबद्ध नहीं रहा है। साधक चिंतक, वैरागी, अभ्यासी ब्रह्मचारी, गृहस्थ कोई भी इसका सानिध्य प्राप्त कर लाभान्वित हो सकता है। व्यक्ति निर्माण और उत्थान में ही नहीं, बल्कि परिवार समाज, राष्ट्र और विश्व के बहुमुखी विकास में भी यह उपयोगी सिद्ध हुआ है।

विभाग की विभागाध्यक्षा प्रो. जसप्रीत कौर ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार इंटेग्रेटिड बीएससी (ऑनर्स/ऑनर्स विद रिसर्च)-एमएससी योगा साइंस एंड थेरेपी पंचवर्षीय सेमेस्टर प्रणाली पाठ्यक्रम प्रारम्भ होने जा रहा है। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत 12वीं पास विद्यार्थियों के लिए योग के क्षेत्र में भविष्य बनाने का सुनहरा अवसर है।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश्वर/सुमन/संजीव

   

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