स्वस्थ्य रहने के लिए जैविक खेती अपनाना होगा : डा. शिवमंगल सिंह

जैविक कृषि मेले में बोलते हुए कृषि वैज्ञानिकजैविक कृषि मेले में बोलते हुए कृषि वैज्ञानिक

फतेहपुर, 07 जून (हि.स.)। कृषि विभाग की सर्विस प्रोवाईडर ईश एग्रीटेक प्रा.लि.इंदौर मध्य प्रदेश की ओर से जैविक कृषि मेला का आयोजन शुक्रवार को मलवां विकास के दूधीकगार में किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव के पशु वैज्ञानिक डाक्टर संजय पांडेय ने मेले का फीता काटकर शुभारंभ किया।

कृषि वैज्ञानिक डा.शिवमंगल सिंह ने कहा कि जैविक खेती करने से कम लागत में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। रासायनिक खाद एवं कीटनाशक, केमिकलयुक्त दवाओं के प्रयोग से अतिरिक्त धन और स्वास्थ्य की हानि होती है। स्वस्थ रहने के लिए पुरानी पद्धति वाली जैविक खेती दोबारा अपनाना होगा।

प्राकृतिक किसान रमाकांत तिवारी ने कहा जैविक कीटनाशक दवा तैयार करने के लिए पांच लीटर गोमूत्र,पांच किलो नीम की पत्ती, पांच किलो सदाबहार के पत्ते, पांच किलो अकऊआ के पत्ते, ढाई सौ ग्राम हल्दी, ढाई सौ ग्राम लाल मिर्च, एक किलो लहसुन, दो किलो तुलसी पत्ती, ढाई सौ ग्राम नीला थोता आदि चीजों को दस लीटर पानी में मिलाकर रख दें। इसके आठ दिन बाद यह कीटनाशक दवा बन जाएगी। इस प्रकार से हम केमिकल दवाओं से बच सकते हैं।

वहीं, मास्टर ट्रेनर वीरेंद्र यादव ने कहा कि मनुष्य एवं पशुओं से बचे अवशेषों को खेतों तक पहुंचाना होगा। तभी हम जैविक खेती के माध्यम से स्वयं को रोगों से बचा सकते हैं। मंच का संचालन आलोक गौड़ व अध्यक्षता शिवशंकर सिंह परिहार ने किया।

इस मौके पर प्रदीप कुमार, बृजेन्द्र सिंह, ईश एग्रीटेक प्रा.लि.के प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर जितेंद्र सिंह,अनिल मिश्रा, अरविंद, रामेंद्र पटेल, विपुल तिवारी, विवेक सिंह, आशीष कुमार, फूलसिंह यादव पूर्व प्रधान आदि लोग रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/देवेन्द्र/दीपक/राजेश

   

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