जैसलमेर में दो साल में 22 गिद्ध बढ़े, पहली बार लोमड़ी की संख्या पहुंची 157 पर, 1100 चिंकारा नजर आए

जैसलमेर, 7 जून (हि.स.)। वैशाख पूर्णिमा को डेजर्ट नेशनल पार्क डीएनपी में वाटर हॉल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई। लगातार 24 घंटे तक वनकर्मियों ने वाटर पॉइंट पर बैठकर वन्यजीवों को देखा। जिसमें गोडावण की अच्छी संख्या के बाद अब विभिन्न वन्यजीवों के भी सुखद आंकड़े सामने आए हैं।

डीएनपी (डेजर्ट नेशनल पार्क) के डीएफओ आशीष व्यास ने बताया- वाटर हॉल पद्धति में वन्यजीवों की गणना हुई। इस गणना में मांसाहारी व शाकाहारी पशुओं के साथ ही पक्षियों की भी गणना की जाती है। इस बार वन्यजीवों के अच्छे आंकड़े सामने आ रहे हैं। अति संकटग्रस्त में चिह्नित रेड हैडेड वल्चर भी दिखाई दिए है, जो सुखद खबर है।

दो साल बाद हुई गणना

गौरतलब है कि 2022 में वाटर हॉल पद्धति से ही वन्यजीवों की गणना की गई थी। इसके बाद पिछले साल पश्चिमी विक्षोभ के कारण गणना नहीं हो सकी। इसके बाद अब फिर गणना होने पर 64 गोडावण के साथ ही दुर्लभ माने जाने वाले 167 गिद्ध दिखाई दिर है। 2022 में इन गिद्धों की संख्या जहां 142 ही थी। इसके अलावा इस साल की गणना में रेड हैडेड वल्चर भी दिखाई दिए हैं। जो अति दुर्लभ प्रजाति में शामिल है।

जैसलमेर में लाल सिर वाले 9 गिद्ध दिखाई दिए हैं। पूरे विश्व में इन गिद्धों की संख्या बहुत ही कम बची है। 1990 के दशक के बाद से लाल सिर वाले गिद्धों की आबादी लगभग हर दूसरे साल आधी हो गई है। जो कभी लाखों की संख्या में प्रजाति थी, वह दो दशकों से भी कम समय में विलुप्त होने के खतरनाक रूप से करीब आ गई है।

दो साल में 22 गिद्ध बढ़े, पहली बार लोमड़ी की संख्या 157 पहुंची

डीएफओ आशीष व्यास ने बताया- वाटर हॉल पद्धति से की गई गणना में दूसरे वन्यजीव भी नजर आए है। जैसलमेर के डीएनपी क्षेत्र में 1100 चिंकारा नजर आए है। वहीं पिछली गणना की तुलना में मरु बिल्ली की संख्या भी 26 से बढ़कर 44 हो गई है। मह लोमड़ी की संख्या भी 101 से बढ़कर 157 तक पहुंच गई है। डीएनपी एरिया में वॉटर हॉल पद्धति से मांसाहारी पशुओं में सियार, गीदड़, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरु लोमड़ी शाकाहारी पशुओं में नीलगाय, चिंकारा, जंगली सुअर, सेही व पक्षियों में गोडावण, गिद्ध, शिकारी पक्षी, मोर व साण्डा की गणना की जाती है।

हिन्दुस्थान समाचार/चन्द्रशेखर/ईश्वर

   

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