उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में पहली बार हुआ कान के पर्दे का सफल ऑपरेशन

गोपेश्वर, 09 जून (हि.स.)। चमोली जिले के उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में पहली बार ईएनटी सर्जरी शुरू की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वरिष्ठ परामर्श दाता शल्यक डॉ. राजीव शर्मा के नेतृत्व में ईएनटी सर्जन डॉ. निधि, डॉ. अल्का नेगी और एनेस्थेटिस्ट डॉ. शुदेस ने पहली बार कान के रोग से पीड़ित 16 वर्षीय लड़की के कान के पर्दे का दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन किया है। ऑपरेशन आयुष्मान योजना के अंतर्गत निःशुल्क किया गया। इससे पहले मसहूर सर्जन डॉ. राजीव शर्मा बायोप्सी सर्जरी कर चुके हैं।

सीएमओ डॉ. राजीव शर्मा ने बताया कि उप जिला चिकित्सालय कर्णप्रयाग में नाक और कान के भी ऑपरेशन शुरू कर दिये गये हैं। इसके अतिरिक्त हड्डी के ऑपरेशन डॉ. अंकित भट्ट, गायनी के डॉ. उमा शर्मा और डॉ. राजीव शर्मा की ओर से किये जा रहे हैं। डॉक्टरों की नई टीम के उत्साहवर्धन के लिए ऑपरेशन के हर प्रकार का सामन उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान समय में उप-जिला चिकित्सालय में आर्थो, गायनी, ईएनटी और जनरल सर्जरी के साथ-साथ अनुभवी फिजीशियनों की टीम उपलबध है। डॉ. शर्मा ने बताया कि बेस अस्पताल शिमली में भी सांसद निधि से ऑपरेशन के सभी आधुनिक उपकरण जल्द लगा दिये जाएंगे।

चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति स्वास्थ्य विभाग चमोली की ओर से सभी व्यवस्थायें चाक चौबंद कर दी गई हैं। सीएमओ ने बताया कि अभी तक 20 हजार से अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें आवश्यक दवायें उपलब्ध करा दी गई हैं। जनपद में गौचर, पण्डवाखाल, गैरसैंण, पांडुकेश्वर, गोविन्दघाट, भुण्डार गांव में स्क्रीनिंग की जा रही है। इन स्थानों पर चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ, फार्मसिस्ट तैनात किये गये हैं। चारधाम यात्रा रजिस्ट्रेशन गाइडलाइन के अनुसार यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। 50 साल से अधिक उम्र के सभी यात्रियों का आवश्यक रूप से स्वास्थ्य परीक्षण और 50 साल से कम उम्र के बीमार यात्रियों का चेकअप किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि कुछ यात्री स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के चलते स्वास्थ्य परीक्षण से कतरा रहे हैं। उन्हें इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। अभी तक 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है। इसमें अधिकतर 85 से ज्यादा उम्र के हैं। अत्याधिक थकान, बीपी, हार्ट डिजीज, सांस की बीमारी, ऑक्सीजन की कमी मृत्यु के कारण हैं।

उन्होंने बताया कि शासन की ओर से 60 डॉक्टरों की टीम चारधाम यात्रा के लिए दी गई है। बदरीनाथ, पाण्डुकेश्वर, जोशीमठ में आर्थोपेडिक सर्जन, जनरल फिजीशियन, 15-15 दिनों के रोटेशन पर तैनात किये गये हैं। जनपद के सभी अस्पतालों में आवश्यक दवायें भरपूर मात्रा में स्टोर की गई हैं। जिले में आपतकालीन स्थिति के लिए गोपेश्वर और कर्णप्रयाग में आर्थो और जनरल सर्जरी, अनुभवी फिजीशियन तैनात किये गये हैं। साथ ही पांच बजे से पूर्व होने वाली दुर्घटनाओं के लिए हैली सेवा की सुविधा भी कर दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/वीरेन्द्र

   

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