अगले साल चुनाव से पहले बदल सकती है निगम के वार्डो की तस्वीर, दो से एक हो सकता है निगम

जयपुर, 13 जून (हि.स.)। अगले साल होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले वार्डो की तस्वीर में बदलाव हो सकता है। इसकों लेकर नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने संकेत दिए थे। संकेत मिलने के बाद स्वायत्त शासन विभाग व स्थानीय निकाय निदेशालय ने वार्डों के सीमांकन की पुरानी फाइलें खंगालना शुरू कर दी है। अगर सरकार ने इस पर काम किया तो आगामी चुनाव से पहले दो की जगह एक ही निगम हो सकता है। कांग्रेस शासन में निगम को दो भागों में बांटा गया था। ऐसे में 58 माह बाद फिर से निगम के वार्डो की तस्वीर बदली नजर आ सकती है।

गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार ने 91 वार्डों को तोड़कर 250 वार्ड किए थे। 100 वार्ड का हेरिटेज और 150 वार्ड का ग्रेटर निगम बनाया था। हेरिटेज में कांग्रेस और ग्रेटर में भाजपा की मेयर है। दोनों निगमों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत वार्ड आरक्षित हैं। उस समय मालवीय नगर से भाजपा विधायक कालीचरण सराफ व सांगानेर से पूर्व विधायक अशोक लाहोटी ने परिसीमन पर एतराज जताया था।

यहीं नहीं पिछली सरकार द्वारा दो नगर निगम करने से पहले 91 वार्डों का परिसीमन कर 150 वार्डों का जो खाका तैयार किया था, तो हो सकता है कि भाजपा सरकार उसे ही लागू कर दे। नए परिसीमन में नगर निगम का दायरा बढ़ाया जा सकता है। यानी प्रस्तावित रिंग रोड के अंदर नगर निगम काम करेगा और बाहर जेडीए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अब तक जेडीए, निगम व हाउसिंग बोर्ड की कोई सीमा तय नहीं है।

अब तक 6 बार हो चुका है वार्डों का परिसीमन

जयपुर में अब तक 6 बार वार्डों का परिसीमन हो चुका है। 1995 में निगम का पहला बोर्ड बना था, तब 60 वार्ड थे। उसके बाद 64 वार्ड, फिर 70 वार्ड हो गए। बाद में 7 वार्ड बढ़ाकर 77 कर दिए गए। इसके बाद 91 वार्ड। 2019 में 91 वार्डों का परिसीमन करते हुए 250 वार्ड बनाकर शहर को दो नगर निगमों में बांट दिया।

जनगणना 2001 के अनुसार जयपुर की आबादी 26 लाख थी, तब 70 वार्ड थे। पिछला परिसीमन 2011 की जनगणना को आधार मानकर किया गया था। तब 40 लाख आबादी मानी गई, जो 45 लाख पार हो चुकी है। निगम का अगला बोर्ड वर्ष 2030 तक काम करेगा, तब तक आबादी 50 लाख पार हो जाएगी, इसीलिए निगम की सीमा बढ़ना जरूरी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश मीणा/ईश्वर

   

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