हरियाणा में फिर 741 अवैध कालोनियां हुईं नियमित, संपत्ति बेचने का रास्ता साफ

वसीहत की समस्या का हुआ समाधान,एक माह में मिलेगा रजिस्ट्री का अधिकार

चंडीगढ़, 13 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद नायब सरकार ने शहरी क्षेत्रों की लंबित मांगों को सुलझाने की कवायद शुरू कर दी है। खासकर प्लाटों की रजिस्ट्री, अवैध कालोनियों को नियमित करने सहित प्लाटों को भूखंडों में बेचने की प्रमुख समस्याओं का निवारण कर दिया गया है।

गुरुवार को हरियाणा सिविल सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए शहरी निकाय राज्यमंत्री सुभाष सुधा ने प्रदेशवासियों को 741 अवैध कालोनियों को नियमित करने का ऐलान किया। इसके साथ ही 433 अवैध कालोनियों को लेकर 30 जून तक डिमांड मांगी है। 741 अवैध कालोनियों के नियमित होने से 1 लाख 71 हजार 368 संपत्तियों को बेचने का अधिकार मालिकों को मिलेगा। कालोनियों को नियमित करने के साथ 705 छोटे क्षेत्रों (पैचेस) को भी नियमित किया जा चुका है। हालांकि 1200 क्षेत्र (पैच), जोकि सरकारी भूमि पर वन क्षेत्र में या ग्रीन बेल्ड और रोड की भूमि पर हैं, उन्हें छोड़कर बाकी 30 जून तक अधिकृत किया जाएगा, इससे 13.38 लाख सपंत्तियों को लाभ मिलेगा।

वहीं राज्यमंत्री ने आपत्ति लगने के चलते राशि नहीं जमा करा पाने वाले भू-मालिकों को भी बड़ी राहत दी है। एक लाख 17 हजार 705 संपत्तियों पर आपत्ति होने के चलते लोग राशि जमा नहीं कर पा रहे थे, अब उनहें राशि जमा कराने की सुविधा दी गई है। राज्यमंत्री ने कहा कि शहरों में प्रापर्टी आइडी की खामियों को दुरुस्त करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। आगामी एक सप्ताह के भीतर सभी प्रापर्टी आईडी की त्रुटियों को ठीक करने के निर्देश दिए गए हैं।

शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने शहरवासियों को निकायों में संपत्तियों के पंजीकरण कराने के झंझट से मुक्ति दिलाने का फैसला लिया है। अब शहरी क्षेत्र में प्लाट की रजिस्ट्री होने के बाद भू-मालिकों को उसे पंजीकरण कराने के लिए निकायों का धक्के नहीं खाने पड़ेंगे, बल्कि घर बैठे ही एचएसवीपी और एचएसएआईआईडीसी की तर्ज पर तहसील में किसी भी प्रकार की संपत्ति की रजिस्ट्री होने पर सीधा विवरण निकायों के पोर्टल पर अपलोड होगा।

निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने भू-मालिकों को प्लाटों को भूखंडों में बेचने की सौगात दी है। हालांकि जमीन को भूखंडों में बेचने पर भी शर्त लगाई है कि 100 गज से कम भूमि को भूखंड में बेचने का अधिकार नहीं होगा। 100 गज से ऊपर भूमि को भूखंडों को आसानी से बेचा जा सकेगा। शहरी क्षेत्रों में एचएसवीपी, एचएसआईआईडीसी, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की लाईसेंस्ड कालोनियों को छोड़कर अन्य संपत्तियों को जो नगर निकायों के नियंत्रण में है उनका बंटवारा किया जा सकता है।

इसके साथ ही शहरी निकाय मंत्री ने विल पावर में सुधार की ओर कदम बढ़ाया है। दरअसल, मृत्यु के केस में विल के आधार पर अथवा बिना विल के आधार पर या किसी अन्य कारण से ऑनर को संपत्ति के ट्रांसफर में दिक्कतें आ रही थी जिसको दूर करने के लिये सरकार ने यह निर्णय लिया है, कि नगर निकाय उनके आवेदन पर 30 दिन का नोटिस जारी करके उत्तराधिकारियों का निर्णय लेकर ट्रांसफर करने की अनुमति प्रदान कर देगा। ऐसा करने से लोगों को इंतज़ार नहीं करना होगा और उनको संपत्ति का अधिकार तुरंत प्राप्त हो जाएगा।

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गुरुग्राम की इको-ग्रीन कंपनी का टैंडर रद

शहरी निकाय मंत्री ने बताया कि गुरुग्राम शहरी की साफ-सफाई करने का जिम्मा संभालने वाली ईको-ग्रीन कंपनी का टैंडर रद कर दिया गया है। डिजास्टर प्रबंधन की टीम के जरिये सफाई का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही सभी जिलों में भी निकायों के अधिकारियों को सफाई को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। वे खुद सभी 90 निकायों का औचक निरीक्षण करेंगे और सफाई व्यवस्था के साथ शहरी क्षेत्रों में निर्माणाधीन प्रोजेक्टों का मुआयना करेंगे। यही नहीं शहरों में कूड़े के ढेरों का निस्तारण करने के भी निर्देश दिए गए हैं।

वार्डबंदी पूरी होने के बाद होंगे निकाय चुनाव

प्रदेश के पांच नगर निगम सहित नगर परिषद और नगरपालिकाओं में चुनाव लंबित हैं। लोकसभा के साथ शहरी क्षेत्रों में चुनाव होने की उम्मीद थी, लेकिन निकायों में वार्डबंदी का कार्य लंबित होने के चलते अभी चुनाव ओर लटक सकते हैं। शहरी निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि निकायों में वार्डबंदी का काम चल रहा है। संभावना है कि विधानसभा चुनावों से पहले या फिर उसके बाद निकायों के चुनाव होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

   

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