चौबेपुर रजवाड़ी के जंगलों में मिले शव की हुई शिनाख्त, पुलिस छानबीन में जुटी

वाराणसी,15 जून (हि.स.)। चौबेपुर थाना क्षेत्र के रजवाड़ी में गोमती नदी के किनारे स्थित जंगल में पिछले दिनों मिले युवक के शव की शिनाख्त हो गई है। मृत युवक की पहचान गाजीपुर बिरनो के तिलेसड़ा, रसूलपुर निवासी आलोक यादव के रूप में हुई है। आलोक यादव के छोटे भाई ने शव की पहचान की। आलोक घर से लखनऊ घूमने की बात कहकर निकला था। शव का पहचान होते ही चौबेपुर पुलिस अब मामले की तह में जाने के लिए छानबीन में जुट गई है।

तिलेसड़ा, रसूलपुर निवासी आलोक यादव 06 वर्ष सऊदी अरब में रहने के बाद घर तीन मार्च को आया था। 21 अप्रैल को उसकी शादी परिजनों ने धूमधाम से की थी। आलोक तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। मझला अशोक यादव हैदराबाद में व्यापार करता है। वहीं, सबसे छोटा प्रदीप यादव प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। आलोक बीते सोमवार की शाम घर से लखनऊ घूमने की बात कहकर निकला था। मंगलवार को उसके बारे में कोई जानकारी न मिलने पर परिजन परेशान होकर पूरे दिन ढूंढने का प्रयास करते रहे। परिजनों ने आलोक के मोबाइल पर कॉल किए तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा। थक हार कर छोटा भाई प्रदीप यादव शुक्रवार को बिरनो थाने पहुंचा। भाई की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बीच बिरनो पुलिस ने चौबेपुर इलाके के जंगल में मिले युवक के शव की फोटो प्रदीप को दिखाई तो वह फूट-फूट कर रोने लगा और बताया कि शव उसके भाई आलोक का है।

बिरनो पुलिस ने चौबेपुर पुलिस को इसकी जानकारी दी। आलोक की मौत की जानकारी पाकर उसकी पत्नी प्रतिभा यादव और मां सुशीला देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों के अनुसार हम लोगों की किसी से दुश्मनी नहीं है। आलोक की भी किसी से व्यक्तिगत रंजिश नहीं थी।

गौरतलब हो कि आलोक यादव का रक्तरंजित शव वाराणसी-गाजीपुर राजमार्ग से 500 मीटर दूर पूर्व की ओर राजवारी (भंदहां कला) गांव में गोमती नदी के किनारे जंगल में 10 जून की सुबह मिला था। उसके सिर,आंख और कनपटी पर गहरे जख्म थे। शव के समीप अंग्रेजी शराब की खाली शीशी, प्लास्टिक के चार ग्लास, चिप्स के खाली पैकेट और काले रंग के दो मास्क पड़े थे। पुलिस के तमाम प्रयास के बाद भी शव की पहचान नहीं हो पाई थी।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/राजेश

   

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