उपचुनाव : कांग्रेस ने हमीरपुर और नालागढ़ से पूर्व उम्मीदवारों को दी टिकट

शिमला, 17 जून (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा कीे तीन सीटों के उपचुनाव चुनाव के लिए कांग्रेस ने दो उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस ने नालागढ़ और हमीरपुर से पिछले विधानसभा का चुनाव लड़ चुके उम्मीदवारों को फिर से मौका दिया है। कांग्रेस ने नालागढ़ सीट से हरदीप सिंह बाबा और हमीरपुर सीट से डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा को टिकट दिया है और अभी देहरा सीट के उम्मीदवार का नाम एलान किया जाना बाकी है।

नालागढ़ से कांग्रेस उम्मीदवार हरदीप सिंह बाबा प्रदेश इंटक के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नेतृत्व वाली पूर्व कांग्रेस सरकार में श्रमिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रहे थे। हरदीप सिंह बाबा की गिनती वीरभद्र सिंह परिवार के करीबियों में होती है। उनकी टक्कर भाजपा के केएल ठाकुर से होगी।

हमीरपुर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार डॉक्टर पुष्पेंद्र वर्मा सियासी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता रणजीत सिंह वर्मा पूर्व में उद्योग मंत्री रह चुके हैं। डॉक्टर वर्मा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी माने जाते हैं। डॉक्टर वर्मा पेशे से चिकित्सक हैं। अस सीट पर उनका मुकाबला भाजपा के आशीष शर्मा से होगा।

उल्लेखनीय है कि साल 2022 के चुनाव में इन तीनों सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती थीं। देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा और नालागढ़ से केएल ठाकुर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। हालांकि निर्दलीय विधायक निर्वाचित होने के बाद वे सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार को समर्थन दे रहे थे। इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में इन तीनों ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में वोट किया था। इसके बाद इन्होंने विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए थे। लोकसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने इनका इस्तीफा मंजूर किया था। दिलचस्प बात यह है कि भाजपा ने उपचुनाव में तीनों पूर्व निर्दलीय विधायकों को अपना उम्मीदवार बनाया है।

राज्य की तीनों विधानसभा सीटों के उपचुनाव की प्रक्रिया 14 जून को शुरू हो चुकी है। तीनों सीटों पर 10 जुलाई को मतदान होगा और 13 जुलाई को चुनाव नतीजे आएंगे। राज्य की 68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा में मौजूदा समय में 65 सदस्य हैं और तीन पर उपचुनाव होने जा रहा है। विधानसभा में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 38 और भाजपा के 27 विधायक हैं। तीन सीटों पर विस उपचुनाव के नतीजे सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार पर कोई असर नहीं डालेंगे, क्योंकि कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत है।

हिन्दुस्थान समाचार/उज्ज्वल/सुनील

   

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