पुण्य तिथि पर याद किए गए हिन्दी-मैथिली साहित्यकार राजकमल चौधरी

सहरसा-पुण्यतिथि

सहरसा,19 जून (हि.स.)।शहर के पटुआहा स्थित सेंट जेवियर्स स्कूल में राजकमल चौधरी की पुण्यतिथि पर बुधवार को शिक्षाविद सह मैथिली भाषा अभियानी दिलीप कुमार चौधरी ने राजकमल के साहित्यिक अवदानों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा राजकमल अपने कालजयी रचना के चलते सदा याद किए जाएंगे। वो समाज में व्याप्त रूढ़िवादी विचार के बिल्कुल खिलाफ थे। स्वभाव से विद्रोही होने के बावजूद जीवन के प्रति सकारात्मक एवं स्वीकार का भाव था। वो समय से आगे की सोचते थे। वो बहु-विवाह के खिलाफ थे। रोटी, राजनीति एवं स्त्री विमर्श पर उनकी कलम निर्बाध गति से चलती रही। वो अस्तित्ववादी थे।

अस्तित्ववादी अनुभव को ही सबसे बड़ा ज्ञान मानते हैं। वो सही मायने में अपने गांव महिषी के सच्चे सपूत हैं। उनकी रचना केंद्रीय विश्वविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय साथ ही संघ लोकसेवा आयोग के पाठ्यक्रम में भी शामिल है।राजकमल चौधरी के ऊपर विश्वविद्यालय में कई शोधकार्य भी होता रहा है।

उनकी प्रमुख रचनाओं में मछली मरी हुई, अग्नि स्नान देहगाथा,नदी बहती थी, ताश के पत्तों का शहर,शहर था शहर नहीं था (हिंदी में) जबकि मैथिली में प्रमुख रचना है --ललका पाग, स्वर गंधा,आंदोलन, सांझक गाछ, एक चंपा कली एकटा विषधर, फूलपरास वाली काकी, आदि। हिंदी कहानियों में जीभ पर बूटों के निशान, मकान में जलते हुए लोग, भूगोल का प्राकृतिक ज्ञान,पिरामिड,एक अनार सौ बीमार आदि प्रमुख है। जीवन के अंतिम क्षणों में उनकी कालजयी रचना ''मुक्ति प्रसंग '' कविता के रूप में काफ़ी प्रसिद्ध हुआ। वैसे तो उनकी सारी रचनाएं अद्वितीय है।

उनका कहना था जिंदगी छोटी होती नहीं बल्कि हमलोग देर से जीना शुरू करते हैं। कुछ लोग कम उम्र ही पूरी जिंदगी जी लेते हैं जैसे कि राजकमल। राजकमल के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तब होगी जब हमलोग खास करके ग्रामीणों से मेरा निवेदन है जो जल्द से जल्द उनके मूर्ति की स्थापना, उनके नाम पर पुस्तकालय का निर्माण, साथ ही राजकमल स्टेडियम का निर्माण और सबसे बड़ी बात जो हर वर्ष उनकी जयंती एवं पुण्यतिथि को नियमित रूप से एकजुट होकर व्यापक स्तर पर मनाएं एवं उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लें।इस कार्यक्रम में स्कूल के निदेशक पी पी अल्बर्ट, प्रिंसिपल उदयन मुखर्जी,शिक्षक गण नवीन, रामचंद्र ,सुजीत ,रत्नेश,अभिशेक ,चंचल, नंदकिशोर, सिद्धार्थ,अर्पणा,सुषमा,रेखा, बंदना, अनु लता जबकि छात्रों में कौशिकी,आकांक्षा, शिवानी अनुष्का,अंजलि, शिवांगी,लक्षिता, दूरगेश,आदित्य ठाकुर,अक्षत, केतन, प्रशांत, आर्यन झा,करण ,मनोरंजन आदि उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार/अजय/गोविन्द

   

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