आध्यात्मिक उन्नति के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें: सिविल सर्जन

किशनगंज,20 जून (हि.स.)। शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य के साथ आध्यात्मिक उन्नति के लिए योग को दैनिक दिनचर्या में शामिल करें। सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने योग दिवस की पूर्व संध्या पर यह सलाह दी है।

उन्होंने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत जरूरी है। योग हमें ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करता है। वर्ष 2024 में योगा दिवस की थीम ''स्वयं और समाज के लिए योग'' रखी गई है। यह थीम ''वसुधैव कुटुम्बकम्'' के आधार पर तय की गई है। हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है। योग प्राचीन काल से भारत की संस्कृति का हिस्सा रहा है। भारत में ऋषि मुनियों के दौर से योगाभ्यास होता आ रहा है। यह दिन हर एक भारतवासी को गौरवांवित करने वाला दिन है।

उन्होंने कहा कि योग दिवस के जरिए भारतीय संस्कृति से जुड़ा योग विदेशों तक लोकप्रिय हो गया है। हर साल दुनियाभर के तमाम देशों के बीच योग दिवस का प्रतिनिधित्व भारत करता है। उन्होंने बताया कि पहली बार सन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सयुंक्त राष्ट्र संघ में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण के बाद वर्तमान दौर में योग की भूमिका काफी बढ़ गई है। योग शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ ही व्यक्ति को तनाव मुक्त रहने में भी मदद करता है। योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास तक ही समिति नहीं है बल्कि योग से शरीर को माध्यम बनाकर आध्यात्मिक उन्नति भी की जा सकती है।

इसी क्रम में जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्र में योग शिविर का आयोजन किया जायेगा। डीएम तुषार सिंगला ने जिलेवासियों से अपील करते हुए कहा है कि जिले के सभी व्यक्ति योग शिविर में शामिल होकर योगाभ्यास करें, उन्होंने बताया कि योग शब्द संस्कृत शब्द ''युज'' से निकला है, जिसका अर्थ है ''जोड़ना'' या ''एकजुट करना'', तथा यह मन, शरीर और आत्मा में सामंजस्य लाने के दर्शन का प्रतीक है। यह केवल शारीरिक आसनों से कहीं अधिक है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण है, जो श्वास व्यायाम, ध्यान और नैतिक सिद्धांतों को एकीकृत करता है।

हिन्दुस्थान समाचार/धर्मेन्द्र/गोविन्द

   

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