मुख्यमंत्री सुक्खू की राजीनीतिक सूझबूझ के चलते थमा देहरा का सियासी बवंडर

पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ राजेश।पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ राजेश।पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ राजेश।

धर्मशाला,21 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक बार फिर से अपनी राजनीतिक सूझबूझ का परिचय देते हुए देहरा में उठे सियासी ववंडर को शांत कर दिया है। दो दिन पहले प्रदेश के सियासी गलियारों में डा. राजेश शर्मा के आंसुओं की गूंज सुनाई दे रही थी, लेकिन नामांकन से ठीक पहले शुक्रवार को मुख्यमंत्री सुक्खू ने डा. राजेश शर्मा को मना लिया। प्रदेश का मुखिया होने के साथ-साथ मुख्यमंत्री ने राजनीतिक सूझबूझ से देहरा विधानसभा उपचुनावों में उपजे बड़े विवाद को आसानी से शांत कर दिया, इससे सीएम सुक्खू का राजनीतिक कद और भी बढ़ गया है। हालांकि इससे पहले मुख्यमंत्री पर लगे आरोपों से सियासी माहौल बदल गया था।

इससे पहले जब हिमाचल में कांग्रेस सरकार के गिरने का खतरा बना था, तब भी सीएम सुक्खू ने आगे आकर सब संभाल लिया था। उपचुनाव में प्रचार की कमान भी खुद संभाली और चार विधानसभा सीटे जीत कर हिमाचल में कांग्रेस की सरकार को और मजबूत कर दिया । देहरा उपचुनाव में डा.राजेश का टिकट कटने के बाद राजेश शर्मा ने आजाद उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर दिया था, लेकिन सीएम सुक्खू ने डा. राजेश को मना लिया। इसके बाद सारे गिले-शिकवे भुलाकर डा. राजेश शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर के नामांकन में पहुंच गए । डा. राजेश और मुख्यमंत्री को फिर एक साथ देखकर एक बात स्पष्ट हो गई कि डा. राजेश मान गए हैं और कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर के लिए प्रचार करेंगे।

कमलेश मेरी बहन, जीत के लिए करूंगा काम : डॉ राजेश

उधर मीडिया से बात करते हुए डॉ राजेश ने कहा कि कमलेश ठाकुर मेरी बहन के समान है। उन्होंने कहा कि अपनी बहन के लिए मैंने चुनाव में उतरने का फैसला बदल दिया है। उन्होंने कहा कि वह चुनाव लड़ेंगे नही बल्कि चुनाव लड़वाएँगे। डॉ राजेश ने कहा कि देहरा की जनता के साथ मिलकर वह कांग्रेस प्रत्याशी कमलेश ठाकुर की जीत के लिए काम करेंगे। मुख्यमंत्री ने जो विश्वास जताया है उस पर खरा उतरेंगे। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं और अपनी बहन के लिए फील्ड में उतरेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/सतेंद्र

/सुनील

   

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