समाज को सही दिशा देने में शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण : मुख्यमंत्री

जयपुर, 21 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि शिक्षक भावी पीढ़ी को सही दिशा देकर उनका चरित्र निर्माण करते हैं। समर्पित, सक्षम और सफल नागरिक बनाने तथा राष्ट्र चेतना को बढ़ाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने तथा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए लगातार कार्य कर रही है। प्रदेशवासियों को शिक्षा का बेहतर वातावरण देने के लिए राज्य सरकार कृतसंकल्पित है।

शर्मा शुक्रवार को टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के ऑडिटोरियम में आयोजित अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, राजस्थान (उच्च शिक्षा) के 62वें प्रांतीय अधिवेशन के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र के प्रति समर्पित होकर कार्य करते हैं तथा उनके विचारों का समाज पर गहरा प्रभाव होता है। उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ भारतीयता से ओतप्रोत संगठन है, जो कि देश में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के विचार को स्थापित करने का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने जल जीवन मिशन, बिजली खरीद, बिना किसी संसाधनों के महाविद्यालयों खोलने जैसे दिशाहीन गलत फैसले लिए। जल जीवन मिशन में जहां पानी के स्त्रोतों के बिना ही टंकी बना दी गई। बिजली खरीद में हजारों करोड़ का घाटा किया गया। महाविद्यालय खोलने के संबंध में भी बिना किसी मूलभूत सुविधाओं के अंधाधुंध महाविद्यालय राजसेस के तहत खोल दिए गए। जिनमें कोई स्थाई शिक्षक नहीं लगाया गया। उन्होंने कहा कि अब हमारी सरकार ने राजसेस के अंतर्गत खोले गए इन कॉलेजों की समीक्षा के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी इस सभी कॉलेजों की फिजिबिलिटी एवं औचित्य का परीक्षण कर आगे कार्रवाई करेगी।

शर्मा ने कहा कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के रिक्त पदों को भरने की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि कॉलेज शिक्षा विभाग एवं विश्वविद्यालयों में एसीपी एवं सीएस के लाभ से संबंधित जितने भी प्रकरण हैं, उन्हें तुरंत निस्तारित किया जाएगा। भविष्य में प्रतिवर्ष एसीपी और सीएस लाभ के लिए प्रक्रिया सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और शिक्षकों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी निरंतर प्रयत्नशील हैं। उनके नेतृत्व में वर्ष 2014 के बाद उच्च शिक्षण संस्थानों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। केन्द्र सरकार ने सात नए आईआईटी, 16 ट्रीपल आईटी, सात आईआईएम, 15 एम्स और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी सभी वर्गों के लिए संवेदनशील होकर काम कर रही है। महिला, युवा, किसान, गरीब सहित सभी वर्गों के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी लोगों से आह्वान किया कि वे अपने नागरिक होने के कर्तव्य को निभाए तथा अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति को केन्द्र एवं राज्य सरकार की सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में जागरूक होकर काम करें।

समारोह में उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि शिक्षक युवाओं में ज्ञान, कला कौशल में वृद्धि करते हैं, जिससे उनके व्यक्तित्व का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में कौशलपरक रोजगार को बढ़ावा देने वाली गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तथा भावी चुनौतियों के अनुरूप प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सभी समस्याओं के प्रति राज्य सरकार संवेदनशील है तथा शिक्षकों के हित में कार्य किया जा रहा है। इस अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. जे.पी. सिंघल, महामंत्री (राजस्थान) डॉ. सुशील कुमार बिस्सु, अध्यक्ष (राजस्थान) डॉ. दीपक शर्मा, आयोजक सचिव डॉ. कमल किशोर मिश्रा, राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री महेन्द्र कपूर, प्रदेश संगठन मंत्री घनश्याम, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राजस्थान प्रांत के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम सहित बड़ी संख्या में संगठन के लोग मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/संदीप

   

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