फार्मर रजिस्ट्री के लिए गांवों में चलेगा अभियान, बनेगी किसानों की यूनिक आईडी

- आधार, मोबाइल नंबर व खतौनी से किसान बनवाएं फार्मर रजिस्ट्री

- जनपद में एक जुलाई से दो चरणों में चलेगा अभियान

मीरजापुर, 27 जून (हि.स.)। सरकार की ओर से फार्मर रजिस्ट्री को लागू कर दिया गया है। किसानों का फार्मर रजिस्ट्री में नाम शामिल करने के लिए जनपद में एक जुलाई से दो चरणों में अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए सभी राजस्व ग्रामों में शिविर लगाया जाएगा। किसान आधार, मोबाइल नंबर व सभी खतौनी लेकर फार्मर रजिस्ट्री कार्य करा सकते हैं। कृषि व अन्य संबंधित विभागों के पोर्टल से भी इसको जोड़ दिया जाएगा। फार्मर रजिस्ट्री से किसानों की एक यूनिक आईडी बनेगी। किसी सत्यापन के लिए किसानों को तहसील आदि का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

उपकृषि निदेशक विकेश पटेल ने बताया कि एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रकचर फार एग्रीकल्चर) के तहत फार्मर रजिस्ट्री तैयार कराया जाएगा। किसानों का विवरण डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में संकलित किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले किसानों के आनलाइन बकेट तैयार कर राजस्व को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। इसका प्रयोग कर राज्य स्तर से फार्मर रजिस्ट्री तैयार किया जाएगा।

जनपद के सभी भूमिधर किसानों को फार्मर रजिस्ट्री से जोड़ा जाएगा। किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले समस्त गाटा संख्या, सहखातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार संख्या, ईकेवाईसी विवरण फार्मर रजिस्ट्री में दर्ज होगा। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण (विरासत, बैनामा) होने पर फार्म रजिस्ट्री स्वतः ही अपडेट हो जाएगी।

एक जुलाई से आरम्भ, दो चरणों में चलेगा अभियान

उप कृषि निदेशक ने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री अभियान का शुभारंभ एक जुलाई से होगा। प्रथम चरण में एक जुलाई से 31 जुलाई तक होगा। इसमें कृषि, राजस्व, रोजगार एवं पंचायत विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से सघन अभियान चलाया जाएगा। द्वितीय चरण में एक अगस्त से किसानों के लिए खोला जाएगा। इसमें शेष किसान फार्मर रजिस्ट्री मोबाइल एप के माध्यम से स्वयं अथवा जन सुविधा केन्द्र के माध्यम से करा सकेंगे।

30 सितंबर तक फार्मर रजिस्ट्री में शामिल हो किसान

किसानों का डेटाबेस (फार्मर रजिस्ट्री) का क्रियान्वयन किया जाएगा। इसमें फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने के लिए भारत सरकार द्वारा राजस्व विभाग के भूलेख के डेटाबेस को समेकित कर प्रत्येक राजस्व ग्राम के प्रत्येक समान नाम व पिता के नाम वाले किसानों को समेकित करते हुए आनलाइन बकेट तैयार कर राज्य को आनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार द्वारा विकसित मोबाइल एप का प्रयोग जा रहा है। किसानों के सभी गाटों को शामिल करते हुए किसानों के आधार से लिंक कराया जाएगा। किसान 30 सितंबर से पूर्व खासकर पीएम किसान सम्मान निधि के लाभार्थी फार्मर रजिस्ट्री अवश्य करा लें।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/मोहित

   

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