घुसपैठ : जम्मू संभाग में ३-४ से बढ़ कर आतंकियों के हुए 6-7 गु्रप

terrorist  डोडा। स्टेट समाचार

जम्मू जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आनंद जैन ने कहा है कि सुरक्षा बलों के साथ दिन भर चली मुठभेड़ में तीन कट्टर आतंकवादी मारे गए हैं और उन्होंने कहा कि ये आतंकवादी भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद ले जा रहे थे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने दो एम4 राइफल, एक एके 47 राइफल, ग्रेनेड और अन्य गोला बारूद बरामद किया है। मुठभेड़ खत्म होने के बाद गंदोह में मीडियाकर्मियों से बात करते हुए एडीजीपी जैन ने कहा कि 12 जून को सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों से संपर्क स्थापित किया था। जिसमें एक पुलिस कांस्टेबल घायल हो गया था। उन्होंने कहा इसके बाद से ही सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया था और आज इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के तुरंत बाद अभियान शुरू किया गया और सुरक्षा बलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया। हम इन आतंकवादियों की पहचान का पता लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन आतंकवादियों के खात्मे से गंदोह क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है। क्योंकि यह क्षेत्र पिछले कई वर्षों से आतंकवाद से मुक्त रहा है। एडीजीपी ने लोगों से सहयोग मांगा है और उनसे उन लोगों के बारे में जानकारी साझा करने को कहा है जो इन आतंकवादियों को आश्रय और भोजन प्रदान कर रहे थे। ताकि उनके खिलाफ  भी कार्रवाई की जा सके। इस सवाल का जवाब देते हुए कि डिवीजन में कितने आतंकवादी समूह मौजूद हैं। एडीजीपी ने कहा पहले आतंकवादियों के तीन से चार समूह थे। लेकिन हाल ही में घुसपैठ के बाद यह संख्या बढकऱ लगभग छह से सात समूह हो गई है।  एडीजीपी के इस बयान के बाद लगता है कि अमरनाथ यात्रा पर आतंकियों की काली दृष्टि गढ़ी हुई है और खतरा टला नहीं है। हालांकि एडीजीपी ने आश्वासन दिया है कि वे आतंकियों के किसी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे  और आतंकवादियों को मार गिराने के बाद इलाके में तलाशी अभियान जारी है। जैन ने कहा हम यह भी पता लगा रहे हैं कि यह वही समूह था जो भद्रवाह के चत्तरगला इलाके में देखा गया था या नहीं। इस अवसर पर बोलते हुए एक सेना अधिकारी ने कहा कि अभियान अच्छी तरह से समन्वित था और आतंकवादियों को घेराबंदी तोडऩे का कोई मौका नहीं दिया गया। हमने डोडा पुलिस के साथ समन्वय किया था और यह एक बहुत ही अच्छी तरह से समन्वित ऑपरेशन था। हम समय पर और इस तरह से लक्षित बिंदु पर पहुंचे कि आतंकवादियों के लिए घेराबंदी से बाहर निकलना संभव नहीं था। ऑपरेशन निर्बाध था घेराबंदी से बाहर निकलने की कोई संभावना नहीं थी किसी भी पार्टी से कोई गलती नहीं हुई और मैं कह सकता हूं कि यह किसी भी तरह की हताहत हुए बिना बहुत अच्छी तरह से समन्वित था।  

   

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