शिखर बैंक घोटाला : अजित पवार को क्लीन चिट देने पर ईडी ने कोर्ट में किया विरोध

मुंबई, 28 जून (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने महाराष्ट्र सहकारी बैंक (शिखर बैंक) घोटाला मामले में कुछ दिन पहले वित्तीय अपराध पुलिस शाखा की ओर से विशेष कोर्ट में पेश की गई क्लोजर रिपोर्ट का विरोध किया है।

ईडी ने कोर्ट में मध्यस्थ आवेदन पत्र पेश कर कहा है कि इस क्लोजर रिपोर्ट से उनकी जांच प्रभावित होगी। ईडी ने यह भी कहा है कि उनकी ओर से इस मामले में एक आरोपपत्र और दो पूरक आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया जा चुका है। इससे उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की मुश्किलें बढ़ने की संभावना है।

जानकारी के अनुसार 25 हजार करोड़ रुपये के शिखर बैंक घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने कुछ दिन पहले अजित पवार, उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार समेत बैंक के 80 निदेशकों को क्लीन चिट दे दी थी। इस रिपोर्ट में पुलिस की ओर से कहा गया कि इस घोटाले से बैंक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। इसी रिपोर्ट को चुनौती देने के लिए ईडी की टीम ने कोर्ट में मध्यस्थ आवेदन कोर्ट में पेश किया है।

उल्लेखनीय है कि सितंबर 2020 में वित्तीय अपराध शाखा ने शिखर बैंक घोटाला मामले में अपनी पहली क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। मूल याचिकाकर्ता ने क्लोजर रिपोर्ट का विरोध करने के बाद अक्टूबर 2022 में आर्थिक अपराध शाखा ने कोर्ट को बताया कि वे इस मामले की जांच खुद करेंगे। कुछ दिनों पहले वित्तीय अपराध शाखा ने कोर्ट में फिर से क्लोजर रिपोर्ट पेश कर अजीत पवार सहित 80 निदेशकों को क्लीन चिट दे दी है। इसी वजह से फिर से ईडी ने इसका विरोध किया है, अब कोर्ट इस आवेदन पर क्या फैसला देता है, इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर/सुनील

   

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