केंद्र सरकार के तीन नए कानूनों के खिलाफ एक जुलाई को काला दिवस मनाएगा वकीलों का संगठन

कोलकाता, 28 जून (हि.स.) । वकीलों के एक संगठन पश्चिम बंगाल विधिज्ञ परिषद ने मौजूदा भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले तीन नये कानूनों को जनविरोधी और क्रूर करार दिया है। संगठन ने शुक्रवार को घोषणा की है कि वह इन कानूनों के विरोध में एक जुलाई को काला दिवस मनाएगा। तीन नये कानून- भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम एक जुलाई से लागू होंगे।

पश्चिम बंगाल विधिज्ञ परिषद ने एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें कहा गया है कि पश्चिम बंगाल और अंडमान-निकोबार द्वीप की अदालतों में वकालत करने वाले वकील एक जुलाई को न्यायिक कार्य नहीं करेंगे।

विधिज्ञ परिषद ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप लगाया कि नये कानून जनविरोधी, अलोकतांत्रिक और क्रूर हैं। परिषद ने सभी बार एसोसिएशन से एक जुलाई को अपने-अपने क्षेत्रों में विरोध रैलियां निकालने का अनुरोध किया है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने पिछले साल अगस्त में संसद में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक, 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 पेश किए थे, जो मौजूदा भारतीय अपराध संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश

   

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