शिंदे सरकार के बजट को विपक्ष ने बताया जुमला बजट

मुंबई, 28 जून (हि.स.)। राज्य की शिंदे सरकार के बजट को विपक्ष ने जुमला बजट बता कर कड़ी आलोचना की है। विपक्ष ने इस बजट को सिर्फ घोषणाओं की बारिश कहा और इनके अमल की संभावना पर संशय जताया है।

शिंदे सरकार के वित्त मंत्री अजित पवार ने शुक्रवार को विधानसभा में अतिरिक्त बजट पेश किया। इस बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर देवेंद्र की भाषा में कहें तो यह फेक नेरेटिव बजट है। इस बजट में झूठी घोषणाएं की गई हैं। इससे पहले भी सरकार ने बहुत सी घोषणाएं की हैं। राज्य सरकार को इन सभी घोषणाओं की जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति नियुक्त कर श्वेत पत्र निकालना चाहिए।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमने गुरुवार को मांग की थी कि लाड़ली बहन योजना के साथ लाड़ला भाई योजना भी शुरू किया जाना चाहिए, लेकिन सरकार ने लाड़ली बहन योजना शुरु कह, जबकि लाड़ले भाइयों को कुछ नहीं दिया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह सभी घोषणाएं कभी पूरी होने वाली नही हैं। चुनाव से पहले यह जनता की आंखों में धूल झोंकने वाली हैं। मैंने किसानों का कर्ज माफ करने की मांग की थी, बजट में किसानों का बिजली बिल माफ करने की घोषणा की गई है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि पूरा बकाया बिल माफ होगा या सिर्फ चुनाव तक का बिल माफ होगा।

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने भी महागठबंधन सरकार के बजट की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि, 'पेश किया गया बजट सिर्फ घोषणाओं की बारिश है। किसान आसमान की ओर देख रहा है और दो बार बुआई करनी पड़ी। उन्होंने कहा कि फेंकू सरकार ने नारों की बारिश कर दी। नाना पटोले ने कहा कि तेलंगाना सरकार हर महीने महिलाओं को ढाई हजार रुपये दे रही है, जबकि इस सरकार ने केवल 1500 रुपये महिलाओं को देने की घोषणा कर सूबे की महिलाओं को ठगने का काम किया है।

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि इस बजट पर कुछ इस तरह प्रतिक्रिया दी जा सकती है। जब लगी चादर फटने तब लगी खैरात बंटने। जयंत पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट घोषणाओं की बारिश की है, लेकिन इसी बजट के एक पैराग्राफ में लिखा गया है कि इन सभी घोषणाओं की छानबीन के लिए एक समिति गठित की जाएगी और उसके सुझाव के बाद ही घोषणाओं का अमलीकरण किया जाएगा। पाटिल ने कहा कि सरकार खुद कर्ज में है, इसलिए इन घोषणाओं का अमलीकरण संभव नहीं है। यह सिर्फ दिखावा और चुनावी बजट है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर/सुनील

   

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