एक जुलाई से 31 अगस्त तक शिकारमाही व मत्स्याखेट प्रतिबन्धित

झांसी,28 जून (हि.स.)। उप्र मत्स्य अधिनियम के अन्तर्गत समस्त तालाबों, जलाशयों, नदियों, नालों एवं समस्त जलधाराओं से 01 जुलाई से 31 अगस्त तक शिकारमाही व मत्स्याखेट प्रतिबन्धित किया गया है।

जिलाधिकारी आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों, नालों एवं समस्त जलधाराओं पर प्रभावी होंगे जो झांसी जनपद की सीमा में है। कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथया कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा और न ही मारने का प्रयास करेगा। सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों, नालों एवं समस्त जलधाराओं में 01 जुलाई से 31 अगस्त तक प्रजननशील मछलियों का मत्स्याखेट शिकारमाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा और न ही बेचेगा, यह पूर्णरूप से आयात निर्यात पर रोक रहेगी। कोई भी व्यक्ति 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक मत्स्य जीरा अथवा मत्स्य अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न तो पकड़ेगा और न ही बेचेगा। कोई भी व्यक्ति जनपद के अन्तर्गत प्राकृतिक जलधाराओं को रोकने के लिए कोई अवरोध नहीं लगायेगा और न ही मत्स्य जीरा, मत्स्य अंगुलिका और प्रजननशील मछलियों को नहीं पकड़ेगा अथवा न ही नष्ट करने का प्रयास करेगा। प्रतिबंधों के उल्लंघन की स्थिति में निहित प्राविधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/महेश/मोहित

   

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