छात्रवृति में आधार बेस्ड बायोमेट्रिक प्रणाली लागू होने से आयेगी पारदर्शिता

लखनऊ, 28 जून (हि.स.)। छात्रवृति में पारदर्शिता और छात्रों की दक्षता में वृद्धि के लिए योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सीएम योगी के निर्देश पर पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से पूर्वदशम्, दशमोत्तर छात्रवृत्ति तथा पीएम यशस्वी योजनाओं के तहत छात्रवृत्ति प्रतिपूर्ति प्राप्त करने वाले छात्रों की दैनिक उपस्थिति अब आधार बेस्ड बायोमिट्रिक के माध्यम से होगी।

प्रथम चरण में वित्तीय वर्ष 2024-25 में शैक्षणिक संस्थाओं में संचालित दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजनान्तर्गत समूह-1 के पाठ्यक्रमों में यह व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 से यह व्यवस्था पूर्वदशम् एवं दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना से सम्बंधित सभी शैक्षणिक संस्थाओं में लागू की जाएगी।

प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि छात्रवृत्ति के लिए आधार बेस्ड बायोमैट्रिक प्रणाली लागू होने से पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर ही छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति की सुविधा अनुमन्य होगी। उपस्थिति प्रमाणित करने और इस पर होने वाले सभी व्यय का वहन संबंधित शैक्षणिक संस्थानों द्वारा किया जाएगा।

शैक्षणिक संस्थाओं को निर्देशित किया गया है कि वे छात्रों की उपस्थिति आधार बेस्ड बायोमैट्रिक व फेशियल ऑथेंटिकेशन सिस्टम के माध्यम से निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित करें,ताकि कोई भी छात्र प्रक्रियात्मक कारणों से छात्रवृत्ति से वंचित न रहे।

समूह-1 के पाठ्यक्रमों में बीएएमएस, बीआर्क,बीबीए एवं एमबीए एकीकृत (बीबीए एमबीए एकीकृत),बीडीएस,बीएफएडी, बीफार्मा, बीटेक (इंटीग्रेटेड), बीटेक/बीई, बीटेक व एमटेक इंटीग्रेटेड, डॉक्टर ऑफ फार्मेसी, एलएलएम, एलएलएम कोर्स इन ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज एजुकेशन, एलएलएम एक वर्ष, एमटेक, एमबीए, एमबीबीएस, एमडीएस, एमआईबी, एमपीटी, एमफार्मा, एमएस, मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्माकोलॉजी), मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्मास्युटिकल केमिस्ट्री), मास्टर ऑफ फार्मेसी (फार्मास्युटिक्स), एमबीए (इंटीग्रेटेड), एमसीए, एमडी आयुर्वेद, एमएस आयुर्वेद तथा पीएचडी है।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/राजेश

   

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