मुख्य सचिव ने जेके में बिजली क्षेत्र के सुधारों की स्थिति की समीक्षा की

जम्मू। स्टेट समाचार
मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने बिजली परिदृश्य में दक्षता लाने और एटी एंड सी घाटे को काफी कम करने के लिए पूरे यूटी में बिजली विकास विभाग द्वारा किए गए सुधारों की गहन समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की, जिसमें प्रमुख सचिव के अतिरिक्त, पीडीडी के एमडी, जेपीडीसीएल/केपीडीसीएल महानिदेशक संसाधन, मुख्य अभियंता जेपीडीसीएल/केपीडीसीएल, एनटीपीसी, पीईएसएल के प्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी भी षामिल हुए। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया कि बिजली क्षेत्र में सुधार के तहत चल रहे सभी कार्य और घाटे में कमी लाने के लक्ष्य को बिना किसी देरी के पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने प्रत्येक फीडर को पूरी तरह से संतृप्त करने के लिए बिलिंग और राजस्व संग्रहण में दक्षता लाने पर भी जोर दिया। बिजली की चोरी के संबंध में, मुख्य सचिव ने कहा कि यूटी के समग्र विकास के लिए ऊर्जा की आपूर्ति और राजस्व की वसूली के बीच भारी अंतर को कम करने की जरूरत है। उन्होंने पाया कि यह अंतर कई हजार करोड़ रुपये का है जो किसी भी परिस्थिति में अस्वीकार्य है। अटल डुल्लू ने अधिकारियों से कहा कि जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए और प्रत्येक क्षेत्र में जहां बिलिंग या राजस्व संग्रह में भारी अंतर पाया जाता है, लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। बिजली चोरी के खिलाफ प्रवर्तन और कानूनी कार्रवाई पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए ताकि यूटी के जिलों में यह समस्या पूरी तरह खत्म हो जाए। इस बैठक के दौरान पीडीडी के प्रधान सचिव एच. राजेश प्रसाद ने यूटी में शुरू किए गए सभी सुधारों और वर्तमान में उनकी स्थिति का अवलोकन दिया। उन्होंने बैठक में स्मार्ट मीटरिंग की स्थिति और उनके एकीकरण तथा प्रीपेड मीटर में परिवर्तन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने जेपीडीसीएल, केपीडीसीएल, पीईएसएल और एनटीपीसी जैसी कार्यान्वयन एजेंसियों द्वारा विभिन्न जिलों में किए गए विभिन्न हानि निवारण कार्यों पर भी प्रकाश डाला। बैठक में बताया गया कि पीएमडीपी, स्मार्ट मीटरिंग का चरण-1 पूरा हो चुका है और चरण 2 पर काम वर्तमान में चल रहा है। इसकी प्रगति को रेखांकित करते हुए बताया गया कि अब तक 5,57,994 मीटर में से 4,48,931 मीटर जम्मू-कश्मीर में स्थापित किए जा चुके हैं। 310 फीडरों को स्मार्ट मीटर की स्थापना से संतृप्त किया गया है, जिससे एटी एंड सी घाटे में कमी में काफी सुधार हुआ है। इसके अलावा, संशोधित वितरण क्षेत्र योजना चरण-3 के तहत, यह पता चला कि 7.5 लाख से अधिक मीटर लगाए जाने थे, जिसके लिए दोनों डिस्कॉम द्वारा सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है। यह बताया गया कि यूटी के लिए बिजली मंत्रालय द्वारा 5620 करोड़ रुपये की स्मार्ट मीटरिंग और हानि कटौती कार्यों को मंजूरी दी गई थी। इसके अतिरिक्त बैठक में बताया गया कि इस परियोजना के तहत एलटी केबल रिप्लेसमेंट, एचटी लाइन केबलिंग, एचटी लाइन कंडक्टर रिप्लेसमेंट, हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम और फीडरों के पृथक्करण जैसे कार्य पूरे किए जाने हैं। जहां तक एटीएंडसी घाटे का सवाल है, यह पता चला कि 2022-23 में 51 प्रतिषत की तुलना में 2023-24 के दौरान इसे घटाकर 40 प्रतिषत कर दिया गया था। जबकि आपूर्ति की औसत लागत और औसत राजस्व प्राप्ति के बीच का अंतर 2022-23 में 2.44 रुपये/किलोवाट से घटकर 2023-24 में 2.18 रुपये/किलोवाट हो गया है। विभाग द्वारा उठाए गए प्रवर्तन उपायों के बारे में जानकारी देते हुए कहा गया कि बिजली चोरी पर जोरदार प्रवर्तन और कार्रवाई से अप्रैल-जून, 2024 की तिमाही में अब तक की सबसे अधिक राजस्व प्राप्ति हुई। यूटी के विभिन्न विद्युत प्रभागों द्वारा 78811 निरीक्षण करके कनेक्शनों को नियमित किया गया।

   

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