सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा मामला: महिला टीचर बरसाना तो ढाका और बेनीवाल हैदराबाद में काट रहे थे फरारी

जयपुर, 3 जुलाई (हि.स.)। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा-2021 समेत छह से ज्यादा प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामले में तीन आरोपी ओमप्रकाश ढाका, सुनील बेनीवाल और शम्मी बिश्नोई को एसओजी ने बुधवार को कोर्ट में पेश किया, जहां पर उन्हें 15 दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। मंगलवार को जोधपुर की साइक्लोन टीम ढाका और बेनीवाल को हैदाराबाद से पकड़ जयपुर लाई थी। वहीं सरकारी टीचर शम्मी को जोधपुर से डिटेन कर लिया था। तीनों को मंगलवार रात में एसओजी को सौंप दिया था।

जोधपुर आईजी विकास कुमार ने बताया कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छिपे थे, जहां से उन्हें एक फ्लैट से पकड़ा। वहीं शम्मी बरसाना में फरारी काट रही थी और मंगलवार को टीम उसे लेकर जोधपुर पहुंची थी। उनकी टीम पिछले दो महीने में इन बदमाशों के पीछे थी। इस दौरान इनपुट मिला कि ढाका और बेनीवाल हैदराबाद के एक फ्लैट में छिपे थे। टीम को इसका इनपुट मिला तो गैस सप्लाई के बहाने फ्लैट में गए और वहां से दोनों को पकड़ा। जबकि सरकारी टीचर शम्मी बरसाना में गायों की शोभायात्रा में पहली बार देखी गई थी। इसके बाद उसे वहां के कई मंदिरों में देखा गया। इसी दौरान शम्मी को भी डिटेन किया गया। टीम पिछले दो माह से वांटेड बदमाशों के पीछे थी। चेन्नई में ढाका और बेनीवाल एक ही फ्लैट में रह कर फरारी काट रहे थे। पुलिस टीम ने कई दिनों तक इन की रेकी की। फिर गैस की सप्लाई देने के बहाने प्लैट में घुसे और दोनों को पकड़ा। वहीं शम्मी दो माह से बरसाना में थी। वह बरसाना में गायों की शोभायात्रा में पहली बार मिली, जिसके बाद कई मंदिरों में उसे देखा गया। इसी दौरान टीम ने उसे डिटेन किया। ओमप्रकाश ढाका पर 75 हजार रुपए, शम्मी बिश्नोई पर 70 हजार रुपए और सुनील बेनीवाल पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित था। तीनों पेपर लीक के मास्टरमाइंड हैं। इनकी तलाश राजस्थान पुलिस को काफी समय से थी। ओपी ढाका मुख्य आरोपी है। पेपर लीक माफिया जगदीश विश्नोई की गैंग को चलाने वाला हैंडलर है। ये पेपर लीक जैसी घटनाओं को अंजाम दे चुका है। वहीं शम्मी विश्नोई ने कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बैठाने का काम किया है। खुद भी कई परीक्षाओं में डमी कैंडिडेट बनकर बैठा है। वो खुद बालोतरा थाने का वांटेड भी है। सुनील भी डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षाओं में बैठा है। ये डमी कैंडिडेट भी उपलब्ध करवाता था।

एडीजी वीके सिंह ने बताया कि एसओजी ने 38 एफआईआर दर्ज की है। इनमें 28 मामले डमी कैंडिडेट और बाकी फर्जी डिग्री और पेपरलीक के हैं। ये गिरोह इतना बड़ा है कि जो कैंडिडेट परीक्षा में सिलेक्ट हो जाता था, उनको फर्जी डिग्री तक दिला देते थे। पीटीआई भर्ती-2022 परीक्षा में भी 88 कैंडिडेट ऐसे थे, जिन्हें फर्जी डिग्री दिलवाई।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

   

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