रोहतक: शिक्षण पद्धति को अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत: प्रो. राजबीर

रोहतक, 4 जुलाई (हि.स.)। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर बायोइंफॉर्मेटिक्स तथा सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में मॉलिक्युलर मॉडलिंग, ड्रग डिजाइनिंग एंड प्री-क्लिनिकल इवैल्यूएशन विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. राजबीर सिंह ने कहा कि विद्यार्थी नई स्किल्स प्राप्त करें और वास्तविक जीवन के संदर्भों में उनका अनुप्रयोग करें।

उन्होंने कहा कि हैंड्स ऑन ट्रेनिंग और प्रैक्टिकल लर्निंग के जरिए शिक्षण पद्धति को अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने एजुकेशन में मल्टी डिसिप्लिनरी एप्रोच की बात भी कही। उन्होंने कहा कि कोलैबोरेटिव लर्निंग से समस्या का समाधान निकालें। कुलपति ने कस्टमाइजेशन ऑफ एजुकेशन, ट्रांजैक्शन ऑफ एजुकेशन, असेसमेंट ऑफ स्टूडेंट्स पर बल देने की बात कही। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन से विद्यार्थियों को विषय का व्यावहारिक ज्ञान मिलेगा और उनके कौशल में अभिवृद्धि होगी। सेंटर फॉर बायो इंफोर्मेटिक्स के निदेशक डा. अजीत कुमार ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। डीन, फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज प्रो. राजेश धनखड़ ने फैकल्टी ऑफ लाइफ साइंसेज की विकास यात्रा से अवगत करवाया। उन्होंने फैकल्टी की शैक्षणिक एवं शोध गतिविधियों और उपलब्ध सुविधाओं बारे जानकारी दी और इस कार्यशाला के आयोजन को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर डायरेक्टर सीबीटी डा. रितु गिल, डा.महक डांगी, प्रो. अरुण नंदा, प्रो. विनीता शुक्ला, प्रो. मीनाक्षी वशिष्ठ, प्रो. जे.एस. लौरा, प्रो. अनिल के. छिल्लर समेत शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल/संजीव

   

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