पड़ोसी को लगता है कि आतंकवाद भेजर बदलाव लाएंगे तो ऐसा कभी नहीं होगा : फारूक

मंडी (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने पाकिस्तान से आतंकवाद बंद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इससे जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं आएगा। आतंकवाद किसी की मदद नहीं करेगा। अगर हमारे पड़ोसी (पाकिस्तान) को लगता है कि वे इन आतंकवादियों को (सीमा पार) भेजकर बदलाव लाएंगे, तो ऐसा कभी नहीं होगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख ने कहा कि आज सेना के पांच जवानों ने अपनी जान दे दी और पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। सीमा पर स्थिति कैसे बदलेगी? उनकी प्रतिक्रिया कठुआ आतंकी हमले के मद्देनजर आई है। 8 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए और कई घायल हो गए। पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए फारूक ने कहा, देश पहले से ही मुश्किल में है। लड़ाई से दोनों देशों के लिए केवल तबाही ही आएगी। कृपया, इस आतंकवाद को रोकें। दुनिया भर में इसकी निंदा की जाती है। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि आज दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद को स्वीकार नहीं करता। आज दुनिया का कोई भी देश आतंकवाद को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हर कोई आतंकवाद के खिलाफ बोल रहा है। उन्हें (पाकिस्तान को) आतंकवाद में लिप्त होकर क्या मिलने वाला है? जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई उनके परिवार आज शोक मना रहे होंगे। दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होने की संभावना पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, बातचीत तभी होगी जब आतंकवाद बंद हो जाएगा। हम भी बातचीत के पक्ष में हैं। दोनों चीजें (बातचीत और आतंकवाद) एक साथ नहीं चल सकतीं। पाकिस्तान को (आतंकवाद को रोकने के लिए) कदम उठाने चाहिए।

 

   

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