सचिव परिवहन की अध्यक्षता में परिवहन व्यवसायियों की हुई बैठक

देहरादून, 02 जनवरी (हि.स.)। हिट एण्ड रन के मामलों के सम्बन्ध में सचिव परिवहन की अध्यक्षता में परिवहन व्यवसायियों की ओर से की जा रही हड़ताल को लेकर सचिवालय में मंगलवार को राज्य के महत्वपूर्ण परिवहन संघों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में परिवहन संघों के पदाधिकारियों द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एण्ड रन के मामलों में प्रस्तावित 10 साल की सजा तथा जुर्माने का विरोध किया गया। परिवहन व्यवसायियों का कहना था कि वाहन दुर्घटनाओं के अनेक कारण हैं, जिनमें खराब सड़कें,चौराहों का उपयुक्त न होना और निजी वाहन के चालकों का अप्रशिक्षित होना आदि शामिल हैं। कोई भी चालक किसी भी दशा में जानबूझ कर कोई दुर्घटना कारित नहीं करता है। इस तरह की कठोर सजा का प्राविधान करना न्यायसंगत नहीं है।

परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि दुर्घटना की दशा में कई बार छोटे वाहन चालक की अथवा पैदल यात्री की भी गलती होती है, ऐसी दशा में भी यदि बड़े वाहन का चालक दुर्घटना स्थल पर रुकेगा तो उसे भीड़ की हिंसा का शिकार होने का भय रहता है। इसलिए सामान्यतया वाहन चालक दुर्घटना के पश्चात दुर्घटना स्थल से भाग जाने के लिए विवश हो जाते हैं।

बैठक में सचिव, परिवहन अरविन्द सिंह ह्याँकी ने परिवहन व्यवसायियों को बताया कि भारतीय न्याय संहिता के प्रश्नगत प्रस्ताव विषयक अभी न तो अधिसूचना जारी हुई है और न ही उसे लागू किया गया है। इसके अतिरिक्त सचिव, परिवहन ने कहा कि उत्तराखण्ड के परिवहन व्यवसायियों में अपनी बात को संविधान और कानून सम्मत तरीके से उचित फोरम तक पहुंचाने की स्वस्थ परम्परा विद्यमान रही है। परिवहन व्यवसायियों और चालकों को किसी प्रकार की आपत्ति व भ्रम की स्थिति है तो वह कानून के दायरे में रहते हुए प्रतीकात्मक तरीके से अपना पक्ष रख सकते हैं, जिसे भारत सरकार तक शीघ्र पहुंचाया जाएगा। व्यवसाय के ठप होने से न केवल लोगों को आवागमन में असुविधा उत्पन्न होती है बल्कि आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो जाती है। अतः परिवहन व्यवसायियों को वाहनों का संचालन निर्वाध रूप से जारी रखते हुए ही अपना पक्ष रखना चाहिए।

कुछ परिवहन संघों ने बताया कि वे इस हड़ताल में सम्मिलित नहीं हैं परन्तु उनके संगठनों से जुड़े वाहनों को कुछ अन्य चालकों की ओर से संचालित करने में बाधा उत्पन्न की जा रही है। इस सम्बन्ध में परिवहन संघों को आश्वासन दिया गया कि जो परिवहन व्यवसायी अपने वाहन का संचालन करना चाहते हैं। उन्हें आवश्यकतानुसार पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी और किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस सम्बन्ध में समस्त जनपदों के जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/अधीक्षकों को निर्देश जारी कर दिये गये हैं। पेट्रोल, डीज़ल, गैस इत्यादि की आपूर्ति के सम्बन्ध में सचिव, परिवहन की ओर से तेल गैस कम्पनियों के प्रबन्धकों को आपूर्ति निर्वाध बनाए रखने के निर्देश दिये गये।

बैठक में सचिव मुख्यमंत्री और मण्डलायुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, पुलिस उपमहानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी. रेणुका देवी, प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड परिवहन निगम आनन्द श्रीवास्तव, संयुक्त परिवहन आयुक्त, विभिन्न परिवहन संघों की ओर से सूर्यकांत धस्माना, संरक्षक, उत्तराखण्ड परिवहन निगम कर्मचारी परिषद, जितेन्द्र सिंह नेगी, अध्यक्ष, टी.जी.एम.ओ.यू. अनुसूया प्रसाद उनियाल व आदर्श सैनी सम्राट, ऑल इण्डिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस, हरेन्द्र बाल्यान, देव भूमि ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन, सुधीर राय, अध्यक्ष,उत्तराखण्ड परिवहन महासंघ, मनोज ध्यानी, यातायात कंपनी,ऋषिकेश, दिनेश बहुगुणा, अध्यक्ष,गढ़वाल ट्रक यूनियन, ऋषिकेश, अशोक चौधरी, महामंत्री,उत्तराखण्ड रोडवेज कर्मचारी यूनियन, दिनेश पंत, महामंत्री, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, उत्तराखण्ड शामिल रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/राजेश/रामानुज

   

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