आज भारत के अमृतकाल वर्ष में व्यक्ति से व्यक्ति का जुड़ाव ही एकात्मकता: डॉ विनोद शुक्ला

वाराणसी, 02 जनवरी (हि.स.)। पं. दीनदयाल स्मृति मंच के अध्यक्ष डॉ विनोद शुक्ला ने मंगलवार को कहा कि विकास में बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन, जीवनशैली में परिवर्तन की जरूरत है। जब तक हमारे पास इस प्रकार का भाव सृजित नहीं होगा, तो व्यक्ति का चित अशांत हो जाएगा। आज यही मानसिक आपदा है। मन में आत्मिक गुण को जाग्रत करके एकात्म मानववाद के विचार से ही कार्य करने पर मनुष्य का सर्वांगीण विकास होगा।

डॉ विनोद शुक्ला बीएचयू के पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववादः युवा शक्ति और भविष्य का भारत विषयक चर्चा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पं दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद को व्यवहार में स्वीकृत करने के लिए युवाओं का आह्वान किया। पं. दीनदयाल उपाध्याय ने सदैव व्यक्ति से समष्टि के भाव में ही एकात्म मानववाद को क्रियान्वित किया। आज भारत के अमृतकाल वर्ष में व्यक्ति से व्यक्ति का जुड़ाव ही एकात्मकता है। चर्चा में छात्रों के जिज्ञासा प्रश्नों का समाधान सत्र का संचालन किया गया।

कार्यक्रम में पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेयर के समन्वयक प्रो. तेज प्रताप सिंह ने अतिथि डॉ विनोद शुक्ला, हिंमाशु पाण्डेय का स्वागत किया। प्रो. तेज प्रताप सिंह ने छात्रों से संवाद किया और उनके सवालों का जवाब भी दिया। चर्चा में प्रो. मनोज मिश्रा, प्रो. ध्रुव सिंह, डॉ लाल जी पाल आदि ने भी भागीदारी की।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/आकाश

   

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