हमारे अधिकारों की रक्षा में सहायक है विधिक साक्षरता; जस्टिस मिश्रा

झाबुआ, 6 जनवरी (हि.स.)। विधिक साक्षरता महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हमें हमारे अधिकारों की रक्षा करने में मदद करता है। जब हम अपने अधिकारों के बारे में जानते हैं, तो हम उनका बचाव करने के लिए भी खड़े हो सकते हैं, ओर हम यह भी जान सकते हैं कि जब हमारे अधिकारों का उल्लंघन किया जाता है तो हमें क्या करना चाहिए।

उक्त विचार प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय अनीष कुमार मिश्रा ने शनिवार को जिला मुख्यालय स्थित शासकीय पाॅलिटेक्निक महाविद्यालय में नालसा (बच्चों को मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाऐं और उनके संरक्षण के लिए विधिक सेवाऐं) योजना-2015 अंतर्गत आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रथम जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल विश्वास शाह, काॅलेज प्राचार्य गिरीश गुप्ता सहित काॅलेज स्टाॅफ एवं छात्र उपस्थित रहे।

शिविर में छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय, मिश्रा ने आगे कहा कि विधिक साक्षरता का अभिप्राय है कि हम अपने अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जानते हैं। यह हमें इस बात को समझने में मदद करता है कि कानून कैसे काम करता है। उन्होंने छात्रों को मूल अधिकार एवं मूल कर्तव्य तथा शिक्षा का अधिकार पर विस्तार से जानकारी दी, साथ ही यह भी बताया कि भारत में शिक्षा का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने लोक अदालत, मध्यस्थता, न्यायालयीन प्रक्रिया की जानकारी भी दी।

शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार शर्मा ने पाॅस्को एक्ट विषय में जानकारी देते हुए छात्रों को कहा कि पोस्को एक्ट 2012 भारत का एक कानून है जो बच्चों के यौन शोषण को रोकने के लिए बनाया गया है। यह कानून 14 नवंबर 2012 से लागू है, ओर इस कानून में बच्चों के साथ किए जाने वाले सभी प्रकार के यौन अपराधों को शामिल किया गया है, जैसे कि दुष्कर्म, छेड़छाड़, अश्लील सामग्री दिखाना और पोर्नोग्राफी बनाना। इस कानून में बच्चों के यौन शोषण के मामलों में सजा के प्रावधान भी कड़े किए गए हैं। पोस्को एक्ट के तहत किसी बच्चे के साथ यौन अपराध करने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को न्यूनतम 7 साल और अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। यदि आप या आपका कोई परिचित बच्चे के यौन शोषण के शिकार हैं, तो कृपया तुरंत पुलिस को सूचित करें। आप चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी सागर अग्रवाल ने आईटी एक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए काॅलेज के छात्रों से आग्रह किया कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें जिससे वे जीवन में एक अच्छा इंसान बने सकें। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे नशे से दूर रहें।

शिविर में असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल, विश्वास शाह द्वारा लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के बारे में छात्रों को विस्तार से बताया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ. उमेशचन्द्र शर्मा/मुकेश

   

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