जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के जन्म कल्याणक पर निकली भव्य शोभायात्रा, पूरे राह पुष्पवर्षा

-भगवान को रजत पाण्डुक शिला पर विराजमान कर 108 रजत कलशों से अभिषेक व विशेष पूजन

वाराणसी,07 जनवरी(हि.स.)। जैन तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के 2900वें एवं अष्टम तीर्थंकर 1008 भगवान चंद्रप्रभु के जन्म कल्याणक पर रविवार को जैन समाज के लोगों ने भव्य शोभायात्रा निकाली। दिगंबर जैन पंचायती मंदिर ग्वालदास साहूलेन से श्री दिगम्बर जैन समाज काशी के तत्वावधान में निकली शोभायात्रा सोरा कुआं, ठठेरी बाजार होते चौक पहुंची। चौक थाने के समीप इंद्रों ने भगवान तीर्थंकर को एक रजत (विशाल ) रथ के कमल सिंहासन पर विराजमान कराकर आरती उतारी। यहां से पुनः राजशाही रथयात्रा निकली जिसमें पार्श्वनाथ भगवान के जीवन से मोक्ष तक की झांकियां शामिल रही । जिस विशाल रथ पर भगवान विराजमान थे उसे भक्तगण खींचकर श्रद्धा-पुष्प अर्पित कर रहे थे । वहीं, इंद्रगण भगवान को चंवर डुला रहे थे । श्रद्धालु रास्ते भर रथ पर सवार भगवान के विग्रह की आरती एवं पुष्प वर्षा कर रहे थे। शोभायात्रा के स्वागत में कई जगह स्वागत द्वार बनाए गए थे। शोभायात्रा में आधा दर्जन बैंड पार्टियों ने भक्ति धुन बजाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। शोभायात्रा का मुख्य आकर्षण रजत धूप गाड़ी, ,नालकी,108 चवरों वाली गाड़ी, राजशाही साजसज्जा वाला विशाल रजत हाथी,घोड़ों पर सवार छोटे-छोटे बच्चे रहे। शोभायात्रा बांसफाटक, गौदोलिया, जंगमबाड़ी होते हुए सोनारपुरा पहुंची। यहां राजस्थान की भजन मंडली ने भजनों की प्रस्तुति की। रास्ते भर केशरिया परिधानों से सजी-धजी समाज की महिलाएं जयकारा लगाते हुए चल रही थी। शोभायात्रा में समाज के लोग अहिंसा परमो धर्मः का बैनर, ध्वज पताका लेकर चल रहे थे। बीच-बीच में जय जय जिनेन्द्र देव की भव सागर नाव खेव का जयकारा भी लगा रहे थे। कई जगह रास्ते में शोभायात्रा का स्वागत किया गया। भगवान पार्श्वनाथ की जन्म कल्याणक स्थली भेलूपुर पहुंचने पर मन्दिर परिसर में भगवान के विग्रह को रजत रथ पर से उतार कर रजत पालकी पर विराजमान कर बधाई गीत, सोहर आदि गाया गया। इसके उपरांत भगवान पार्श्वनाथ एवं चन्द्र प्रभु जी को मन्दिर जी में रजत पाण्डुक शिला पर विराजमान कर 108 रजत कलशों से अभिषेक व विशेष पूजन किया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/सियाराम

   

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