खुशी क्लास अब हर घर की जरूरत हो गई है : क्षेत्री हेमरोम

खूंटी , 7 जनवरी (हि.स.)। कर्रा प्रखंड की उड़िकेल से खूंटी जिले के लिए खुशी मिशन का शुभारंभ रविवार को किया गया। उड़िकेल पंचायत सचिवालय से जरियागढ़ के थाना प्रभारी चूडामणि टुडू, जिप सदस्य जोरँग आईन्द, मुखिया क्षेत्री हेमरोम, पंचायत समिति सदस्य पौलुस होरो सहित ग्रामीणों ने खुशी रथ को झंडा दिखाकर रवाना किया।

लाइइफ केयर हॉस्पिटल, रांची और खुशी क्लास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में जोरोंग आईन्द, मुखिया क्षेत्री हेमरोम पंचायत समिति पौलुस होरा कहा कि खुशी क्लास अब हर घर की जरूरत हो गई है। समाज में जिस जिस तरह तनाव, डिप्रेशन, आत्महत्या की घटनाएं बढ़ रही है, ऐसे में इसका इलाज खुशी क्लास ही है। कोई दवा नहीं, कोई विकल्प नहीं, बस सकारात्मकता के साथ कभी भी खुशी का साथ नहीं छोड़ें। रथ रवानगी के बाद बिकुवादग, निधिया गांव में खुशी चौपाल का आयोजन हुआ। मौके पर खुशी क्लास के संस्थापक सह संचालक मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि जिंदगी जिंदादिली से जीने के लिए है। यूं ही गंवाने या गुजारने के लिए नहीं। यह तभी संभव है, जब आप अंदर से खुश रहेंगे। यह खुशी सकारत्मकता के गर्भ से जमन्त लेती है।

चौहान ने सकारात्मकता की शक्ति को दर्शाती कहानी सुनाई कि एक राजा की एक आंख और एक पैर नहीं थें। एक दिन राजा महल के गलियारे में लगे अपने पूर्वजों की पेंटिंग देख रहे थे। बलशाली, ह्ष्ट-पुष्ट पूर्वजों को देखकर सोचने लगे कि मेरी भी पेंटिंग कभी न कभी लगेगी। इतने अच्छी पेंटिंग के बीच में दिव्यांग काफी खराब दिखूंगा। कुछ सोचकर उन्होंने मुनादी करवा दी, जो भी उनकी सुंदर पेंटिंग बनाएगा, उसे इनाम मिलेगा। सभी पेंटर सोचने लगे कि दिव्यांगकीा पेंटिंग कैसे अच्छी बनेगी। डर से कोई भी पेंटर सामने नहीं आया। एक नवयुवक नेे राजा की तस्वीर बनाने की घोषणा की। राजदरबार में भीड़ लग गई, यह देखने को, कि कैसी तस्वीर बनाएगा ? युवक की तस्वीर में राजा घोड़ा पर सवार थे। उनका एक पैर दूसरी तरफ छिप गया। घोड़े पर से राजा धनुष से निशाना लगा रहे थे, इसलिए उनकी एक आंख बंद थी। दोनों खामियों को छिपा कर बनी इस तस्वीर सभी का दिल जीत लिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनिल

   

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