आफरी के चंदन से महकेगा मारवाड़

जोधपुर, 11 जनवरी (हि.स.)। शुष्क वन अनुसंधान संस्थान आफरी से चंदन की किस्म से अब राजस्थान महकेगा। आफरी द्वारा अपनी प्रयोगशालाओं एवं नर्सरी में तैयार जैविक उर्वरक से उपचारित चंदन के पौधों से उन्नत किस्म की पौध तैयार की जाएगी। इसका परीक्षण किया जा रहा है। इस दिशा में आफरी ने गुरुवार को लोहावट के किसान विजय कृष्ण राठी के खेत पर चंदन के पौधे लगाने को एक एमओयू हस्ताक्षर किया है। वे संस्थान को निशुल्क 1.5 हेक्टेयर जमीन मुहैया करायेंगे व संस्थान द्वारा लगाये गये पौधारोपण की देखरेख भी करेंगे।

आफरी के निदेशक मानाराम बालोच ने इस अवसर पर कहा कि आफरी जोधपुर द्वारा पिछले कई वर्षो से शोध कर उन्नत किस्म के चंदन के पौधे विकसित किये गये है। ये चंदन के पौधे उच्च गुणवत्ता वाला है। परियोजना प्रभारी डॉ. संगीता सिंह ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार के कैंपा के अंतर्गत अनुदानित है। यह जैविक उर्वरक हमारे ही संस्थानों द्वारा तैयार किए गए है कई वर्षो के परीक्षण के बाद मल्टीलोकेशनल ट्रायल अब किसानों के खेतों में लगाया जा रहा है।

संस्थान के समूह समन्वयक शोध डॉ. तरूणकांत ने बताया की चंदन की खेती से नई क्रांति आने की संभावना है जो चंदन आज दक्षिण भारत की शोभा के रूप में जाना जाता है वो अब मरूप्रदेश की शोभा बढाएगा। चंदन की पौध कृषि वानिकी के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे सकती है। साथ ही किसानों की आय में भी वृद्धि करने में मील का पत्थर बन सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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