चयनित अभ्यर्थियों के ओबीसी प्रमाणपत्र को ओएससी प्रमाणपत्र के बराबर मानें: प्रजापति

जम्मू, 12 जनवरी (हि.स.)। भाजपा ओबीसी मोर्चा, जम्मू-कश्मीर यूटी के अध्यक्ष सुनील प्रजापति के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर यूटी सरकार के मुख्य सचिव अटल डुल्लू से मुलाकात की और उन्हें ओबीसी के मुद्दों से अवगत कराया। प्रजापति ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि 2021 के दौरान विज्ञापित सामाजिक जाति (ओएससी) श्रेणी के तहत ओबीसी की आरक्षित रिक्तियों के खिलाफ सब इंस्पेक्टर/जेई/बीएलडब्ल्यू के रूप में चुने गए कुछ ओबीसी उम्मीदवारों को अपने अंतिम चयन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

जम्मू-कश्मीर सेवा चयन बोर्ड (जेएंडके एसएसबी) ने आपत्ति जताई है कि उनके ओबीसी प्रमाणपत्रों पर ओएससी श्रेणियों के लिए आरक्षित पदों के लिए विचार नहीं किया जा सकता है। जबकि, इच्छुक उम्मीदवारों के इन ओबीसी प्रमाणपत्रों पर प्रारंभिक चरण में जम्मू-कश्मीर एसएसबी द्वारा विचार किया गया था और तदनुसार आरक्षित पदों के लिए उनकी चयन परीक्षा और अन्य औपचारिकताएं पूरी की गईं। पीड़ित उम्मीदवारों ने संबंधित तहसीलदारों और उपायुक्त से भी संपर्क किया। उन्हें आश्वासन दिया गया कि संबंधित अवधि के दौरान, जारी करने वाले अधिकारियों ने कोई ओएससी प्रमाणपत्र नहीं बल्कि केवल ओबीसी प्रमाणपत्र जारी किए हैं।

इस समय इस तरह की आपत्ति, जब उम्मीदवारों का चयन हो चुका है और वे ओएससी श्रेणी के तहत आरक्षित रिक्तियों के खिलाफ योग्यता में हैं, अपूरणीय क्षति होगी। तदनुसार, सुनील प्रजापति ने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि जिन ओबीसी अभ्यर्थियों का चयन हो चुका है और जो सामाजिक जाति श्रेणी के तहत आरक्षित रिक्तियों के विरुद्ध योग्यता में हैं, उनके मुद्दे पर अनुकूल विचार किया जा सकता है ताकि उनके भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। प्रजापति ने आगे अन्य मुद्दे भी उठाये।

हिन्दुस्थान समाचार/राहुल/बलवान

   

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