शिक्षा जीवन पर्यंत चलती है, इसका कोई अंत नहीं : साध्वी निरंजन ज्योति

कानपुर,12 जनवरी(हि.स.)। शिक्षा जीवन पर्यंत चलती है, इसका कोई अंत नहीं है। सीखते जाओ और आगे बढ़ते जाओ। बुजुर्ग मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा जरूर बनें। यह अपील शुक्रवार को राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के 51वें दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं से केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने की।

उन्होंने सरकार के कामों और योजनाओं की जानकारी देते हुए तारीफ की। इसके अलावा छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए दीक्षांत का मतलब समझाया। उन्होंने समझाते हुए कहा कि शिक्षा जीवन पर्यन्त चलती है। इसका कोई अंत नहीं है। सीखते जाओ और आगे बढ़ते जाओ।

केंद्रीय राज्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को बुजुर्ग मां-बाप के बुढ़ापे की लाठी बनने की सीख दी और उनका साथ देने की भी मंच से अपील की। इसके अलावा उन्हें मुख्य अतिथि के रूप में बुलाये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए अगले दीक्षांत समारोह में फिर से मुख्य अतिथि के रूप में देखने के लिए मोदी सरकार के हाथों को मजबूत करने की बात भी कही।

दीक्षांत समारोह में किसान के बेटे ने बाजी मारते हुए सभी मेधावियों को पछाड़ दिया और चार गोल्ड मेडल हासिल किए। कड़ाके की ठंड और कोहरे की मार की वजह से कई मेधावियों के माता-पिता दीक्षांत समारोह में नहीं पहुंच पाए। जिस कारण मेधावियों ने माता-पिता को वीडियो कॉल कर खुशी जताते हुए उपलब्धि दिखाई। समारोह में कुल 745 छात्र-छात्राओं को फेलोशिप, पीजी डिप्लोमा व प्रमाणपत्र के साथ पुरस्कार दिए गए।

हिन्दुस्थान समाचार/ राम बहादुर/दीपक/प्रभात

   

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