एनआईपीईआर, गुवाहाटी के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
- Admin Admin
- Jan 12, 2024
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- नए स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे का जुड़ना पूर्वोत्तर के विकास के लिए वरदान: मुख्यमंत्री
- मजबूत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ पूर्वोत्तर को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद
- गुवाहाटी देश में जैव-विज्ञान अनुसंधान के केंद्र के रूप में उभर रहा है: सीएम
गुवाहाटी, 12 जनवरी (हि.स.)। राज्य के स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में एक और ताकत जोड़ते हुए केंद्रीय रसायन, उर्वरक, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, डॉ मनसुख मंडाविया ने चांगसारी में आयोजित एक समारोह में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा की उपस्थिति में राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) के नए परिसर का उद्घाटन किया।
गौरतलब है कि कामरूप के चांगसारी में स्थित, 27688 वर्ग मीटर में फैला एनआईपीईआर का नया परिसर कुल 157 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। एनआईपीईआर गुवाहाटी के समर्पण के साथ, एनआईपीईआर हैदराबाद और रायबरेली और असम में कई हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी गई। प्रधानमंत्री-आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत कई करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू होंगी और प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत असम मेडिकल कॉलेज के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये के अन्य परिव्यय को मंजूरी दी गई है।
स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में, नाकाचारी बीपीएचसी, जोरहाट में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई का उद्घाटन, कोकराझाड़ मेडिकल कॉलेज, कोकराझाड़ में 100 बिस्तरों वाला एमसीएच विंग, नलबाड़ी जिले के घोगरापार बीपीएच में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई, खोइराबारी बीपीएचसी, उदालगुड़ी में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई का उद्घाटन शामिल है। कोकराझाड़ जिले के गोसाईगांव बीपीएचसी में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई, मोरीगांव जिले के लहोरीघाट बीपीएचसी में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई, नगांव जिले के बारापुजिया बीपीएचसी में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई, शिवसागर सिविल अस्पताल, शिवसागर में 100 बिस्तरों वाला एमसीएच विंग, ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई मुशालपुर बीपीएचसी, बाक्सा जिले में बल्लामगुरी बीपीएचसी, चिरांग जिले में ब्लॉक प्राथमिक स्वास्थ्य इकाई का उद्घाटन एक ही कार्यक्रम में किया गया।
इसके अलावा, इस अवसर पर आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत 16 स्वास्थ्य अवसंरचना परियोजनाओं की नींव भी रखी गई। अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में विभिन्न हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं का राष्ट्र को समर्पण, उद्घाटन और शिलान्यास भी किया गया।
इस अवसर पर बोलते हुए, मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने कहा कि उन्हें चांगसारी में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के नए परिसर के उद्घाटन समारोह का हिस्सा बनकर खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का समर्पण, उद्घाटन और शिलान्यास क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए वरदान है। इस अवसर पर उन्होंने असम को अभूतपूर्व वृद्धि और विकास के पथ पर ले जाने में उनके नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया। प्रधानमंत्री के कारण पूर्वोत्तर भारत और देश के अन्य हिस्सों के बीच भावनात्मक संबंध मजबूत होकर राष्ट्र की मुख्यधारा में आ गया है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अमृत काल में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को प्रस्तुत स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा देश के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इससे असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को भी देश की विकास यात्रा में योगदान देने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ब्रह्मपुत्र के उत्तरी तट पर एम्स, एनआईपीईआर, राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के गुवाहाटी परिसर जैसे सभी महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संस्थानों के साथ, कामरूप जिला राज्य का महत्वपूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता बन रहा है। इसके अलावा, आईआईटी, एम्स, एनआईपीईआर के नए परिसर और राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के आगामी परिसर के साथ-साथ गुवाहाटी शहर को देश में जैव विज्ञान अनुसंधान के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरने में मदद कर रहा है।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि फार्मास्यूटिकल्स विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के रूप में सात राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) मोहाली, अहमदाबाद, गुवाहाटी, हाजीपुर, हैदराबाद, कोलकाता और रायबरेली में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधित एनआईपीईआर अधिनियम, 1998 के तहत स्थापित किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थानों से अपेक्षा की जाती है कि वे फार्मास्युटिकल शिक्षा और अनुसंधान में गुणवत्ता और उत्कृष्टता का पोषण और प्रचार करें, फार्मास्युटिकल शिक्षा में मास्टर, डॉक्टरेट और पोस्ट-डॉक्टरल पाठ्यक्रम और अनुसंधान संचालित करें। अनुसंधान और प्रशिक्षण करने में एक बहु-विषयक दृष्टिकोण विकसित करें। फार्मास्युटिकल जनशक्ति, केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भगवंत खुबा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री केशब महंत भी उद्घाटन समारोह में उपस्थित थे। कार्यक्रम में त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा भी वर्चुअली शामिल हुए।
हिन्दुस्थान समाचार /श्रीप्रकाश/अरविंद