कांग्रेस ने उल्फा से समझौता करने में देर की: मुख्यमंत्री

गुवाहाटी/भुवनेश्वर, 13 जनवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने उल्फा के साथ शांति समझौता करने में काफी देरी की। जो समझौता आज किया गया है वह पहले ही हो जाना चाहिए था। मुख्यमंत्री डॉ सरमा आज उड़ीसा में आयोजित एक मीडिया सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस छह दशक तक सत्ता में रहने के बावजूद राष्ट्रहित में नीतियां अपनाने के प्रति उदासीन रही। अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने दिल्ली पुलिस में पूर्वोत्तर क्षेत्र के लोगों की व्यापक पैमाने पर हुई भर्ती की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि ऐसा कांग्रेस के समय में क्यों नहीं होने दिया गया। उन्होंने इस दौरान दिल्ली पुलिस की दो असमिया महिला कांस्टेबलों के साथ मुठभेड़ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ही पूर्वोत्तर को देश की मुख्य धारा से काटकर वोट बैंक के राजनीति करती रही। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासनकाल में राष्ट्रीय संस्थानों में असम के लोगों की भागीदारी बढ़ी है।

उन्होंने कहा कि चाहे वह धारा 370 का मुद्दा हो या अन्य राष्ट्रहित का मुद्दा- कांग्रेस इसकी अनदेखी करती रही। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में देश हित के तमाम लंबित मुद्दों का निपटारा किया गया। देशभर में राष्ट्रवाद की भावना इस दौरान प्रगाढ़ हुई। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर जैसे राष्ट्रीय संपत्ति के निर्माण में एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत थी, लेकिन कांग्रेस इसको लेकर उल्टी नीति अपनाती रही। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से अपील की कि वह नरेन्द्र मोदी द्वारा राष्ट्र निर्माण के किये जा रहे प्रयासों का समर्थन करें और इसमें सरकार का साथ दे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अन्य कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बातें रखी।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश/अरविंद

   

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