मकर संक्रान्ति : पुण्यकाल में लग रही आस्था की डुबकी, 8 लाख 70 हजार ने किया स्नान

इलाहाबाद, 15 जनवरी (हि.स.)। हर-हर गंगे की गूंज के साथ संगम की रेती पर माघ मेले का आगाज सोमवार की भोर से शुरू हो गया। कोहरे व तेज गलन के साथ ठंड काफी होने के बावजूद श्रद्धालुओं व स्नानार्थियों का तांता लगा हुआ है। गंगा-यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगानी शुरू कर दी। स्नान बाद श्रद्धालु तिल और खिचड़ी का दान कर रहे हैं। समाचार लिखे जाने तक संगम समेत अन्य स्नान घाटों पर स्नानार्थियों का जमावड़ा लगा रहा। मेला प्रशासन के मुताबिक सुबह 10 बजे तक लगभग 8 लाख 70 हजार लोगों ने डुबकी लगायी।

मकर संक्रांति के अवसर पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं। मेला क्षेत्र में बढ़ती भीड़ के मद्देनजर रविवार की देर रात से ही वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया था, जो आज रात तक जारी रहेगा। मेला क्षेत्र की सुरक्षा के लिए तीन जोन, आठ सर्किल, 14 थाना, 41 चौकी, 14 फायर स्टेशन, 14 फायर वाच टॉवर एवं एक सेन्ट्रल कंट्रोल टॉवर बनाया गया है। सीसीटीवी कैमरों से भी मेला क्षेत्र की निगरानी हो रही है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल व पुलिस के तमाम वरिष्ठ अधिकारीगण मेले की व्यवस्था और सुरक्षा का पूरा जायजा लेते रहे। मेला क्षेत्र के अलावा दूर-दूर से आ रहे लाखों लोगों की सुरक्षा के लिए जंक्शन स्टेशन के साथ ही प्रयाग, नैनी समेत सभी रेलवे स्टेशनों पर भी चौकसी बरती जा रही है।

भीषण ठंड और कोहरे में शुरू हुआ मकर संक्रांति का स्नान

तीर्थराज प्रयाग में भीषण ठंड और कोहरे के बीच सोमवार को भोर से ही मकर संक्रांति का स्नान शुरू हो गया है। मौसम प्रतिकूल होने के बावजूद मकर संक्रांति के अवसर पर आज भोर से ही श्रद्धालुओं का रेला संगम की तरफ उमड़ पड़ा। भीषण ठंड और कोहरा भी उनकी आस्था के सामने बौना साबित हो रहा है। मकर संक्रांति के अवसर पर मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं।

संक्रांति पर दान का विशेष महत्व

मकर संक्रांति पर गंगा स्नान के बाद दान का विशेष महत्व है। इस समय मेले में स्नान के बाद श्रद्धालु गंगाजल में खड़े होकर सूर्य को अर्घ्य दे घाट के किनारे ही पूजा-अर्चना कर यथाशक्ति तिल, गुड़, चावल व खिचड़ी आदि का दान कर रहे हैं। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह खिचड़ी का प्रसाद भी बंट रहा है। विभिन्न संत-महात्माओं व शंकराचार्यों के शिविर में चल रहीं रास-लीलाएं श्रद्धालुओं को खासा आकर्षित कर रहीं हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/विद्या कान्त/मोहित

   

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