राज्यपाल ने 500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बांटा प्री स्कूल आंगनवाड़ी किट

राज्यपाल ने 500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बांटा प्री स्कूल आंगनवाड़ी किट राज्यपाल ने 500 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बांटा प्री स्कूल आंगनवाड़ी किट 

- बेकारी घटाने और कानून व्यवस्था को अच्छा करने का एकमात्र विकल्प है शिक्षा

- अधिकारी अपनी शक्तियों का प्रयोग जनकल्याण के लिए करें : आनंदीबेन पटेल

लखनऊ, 18 जनवरी (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि अधिकारी अपने शक्तियों को प्रयोग जनकल्याण के लिए करें।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने नगर निगम लखनऊ की ओर से इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में आयोजित आंगनवाड़ी किट का वितरण किया। इस कार्यक्रम में 500 आंगनबाड़ी केंद्रों को सुसज्जित करने के लिए प्री स्कूल किट तथा 10 अति कुपोषित बच्चों को ‘मिलेट पोषण किट’ का वितरण किया।

ज्ञातव्य है कि राज्यपाल की प्रेरणा से प्रदेश में आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुविधा सम्पन्न बनाए जाने के लिए 9000 से अधिक आंगनवाड़ी किट प्रदान किए जा चुके हैं।

कार्यक्रम में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत आंगनबाड़ी किट वितरण के लिए सहयोग करने वाली संस्थाओं स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया, रामा कृष्णनन पेस्टीसाइड्स, मेदांता ग्रुप, मेडिकल कार्पाेरेशन और करम इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों को राज्यपाल ने प्रशस्ति पत्र वितरित किया।

राज्यपाल ने आंगनबाड़ी केन्द्र को सुविधा सम्पन्न बनाये जाने व बच्चों के शिक्षण एवं खेलकूद के लिए साधन प्रदान करने के लिए सहयोगकर्ताओं को बधाई दी। कहा कि गरीब, झोपड़पट्टी में रहने वाले व अनाथ बच्चों की परवरिश, शिक्षण, स्वास्थ्य, संस्कार व उनके भविष्य के लिए समाज को आगे आना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा एवं संस्कार से वंचित बच्चे बड़े होकर गलत कार्यों में लिप्त हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को शुरू से ही अच्छा परिवेश दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा की यदि समाज से बेकारी घटाना है, कानून और व्यवस्था को अच्छा करना है तो उसका एकमात्र विकल्प शिक्षा है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे को अच्छी शिक्षा एवं सही दिशा मिल जाती है तो वह अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है।

राज्यपाल ने कहा कि केजी से पीजी तक की शिक्षा को आपस में जोड़ें क्योंकि केजी में पढ़ने वाले छोटे-छोटे बच्चे ही आगे विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने को प्रेरित होंगे। उन्होंने प्रदेश के सभी आंगनबाड़ी केंद्र व प्राथमिक विद्यालय में पात्र बच्चों का नामांकन सुनिश्चित करने को कहा। राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को छोटे बच्चों को पढ़ाने के लिए उचित प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता बताई।

राज्यपाल ने समाज में गरीबी, बीमारी, कुपोषण इत्यादि के कारण और कमियों का पता लगाकर उनके निस्तारण के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी शक्तियों का प्रयोग जनकल्याण के लिए करें। जो भी योजनाएं बने उसका सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित हो तथा सरकार द्वारा प्राप्त बजट की समीक्षा हो व उसका उचित उपयोग किया जाए।

उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि जहां आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां सजग हैं वहां बच्चे भी सजग हैं। सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर छोटी-छोटी गतिविधियां, खेल प्रतिस्पर्धा, भाषण आदि की स्वस्थ प्रतियोगिता का आयोजन होना चाहिए, इससे बच्चे आगे बढ़ेंगे।

इस अवसर पर राज्यपाल ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग द्वारा आयोजित शाकभाजी प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

बच्चे कल के भविष्य, अच्छी परवरिश जरूरी: मंत्री बेबी रानी

महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि छोटे बच्चे कल के भविष्य हैं, इनकी अच्छी परवरिश से ये मुख्यधारा से जुड़कर समाज में अग्रणी भूमिका निभाएंगे। यही उम्र सर्वाधिक विकास का उम्र है। इसमें अच्छे पोषण व परवरिश से जीवनपर्यंत लाभ होता है। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा और परिवेश से सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

सही शिक्षा एवं परिवेश से होगा सशक्त राष्ट्र का निर्माण

लखनऊ नगर निगम की महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकत्रियां अपने कार्य को ड्यूटी न समझकर जिम्मेदारी समझे तो वे इन बच्चों के रूप में देश को बहुत अच्छा नागरिक दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि सही शिक्षा एवं सही परिवेश से सशक्त राष्ट्र का निर्माण होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/राजेश

   

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