मुख्यमंत्री ने पुलिस कमांडो के दीक्षांत समारोह में लिया भाग

गुवाहाटी, 20 जनवरी (हि.स.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज असम पुलिस के नवनियुक्त कमांडो के दीक्षांत समारोह में भाग लिया। मुख्यमंत्री डॉ सरमा सोरूसोजई स्टेडियम में 2551 असम पुलिस कमांडो के दीक्षांत परेड समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ थे।

केंद्रीय गृह मंत्री और असम के मुख्यमंत्री भी नवनियुक्त कमांडो की दीक्षांत परेड में शामिल हुए और कमांडो का सैन्य अभिनंदन प्राप्त किया।

सैन्य सलामी लेने के बाद अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने असम पुलिस के साहस और बहादुरी की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज पांच कमांडो बटालियन का दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। आज असम के लोगों के लिए ऐतिहासिक दिन है। आज हम एक दुर्लभ परेड देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम पुलिस कमांडो की भर्ती पारदर्शी तरीके से की गई है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) अब असम के केवल चार जिलों में लागू है। सीएम ने अफ्स्पा हटाने के लिए प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह के खिलाफ कड़ी लड़ाई शुरू की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने विशेष उद्देश्यों के साथ असम पुलिस की पांच कमांडो बटालियनों का गठन किया है और उन्हें सेना द्वारा प्रशिक्षित किया गया है और अब वे युद्ध अभियानों के लिए तैयार और प्रशिक्षित हैं। उन्होंने भारतीय सेना को भी इसके लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि यह पहली बार है, जब पुलिस में नई भर्ती के बाद इस तरह का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। असम पुलिस ने हमेशा पेशेवर और सामाजिक कर्तव्यों का पालन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुधाकंठ डॉ भूपेन हजारिका के सदाबहार गीत में वर्णित सदाबहार बल की तरह असम पुलिस के ये प्रशिक्षित कमांडो भी अनन्त जागरण की ताकत बनें।

उन्होंने कहा कि असम के जनजातीय क्षेत्र अब शांति के द्वीप में बदल गए हैं। 2021 से राज्य में 11 सशस्त्र विद्रोही समूहों ने हिंसा छोड़ दी है और मुख्यधारा में लौट आए हैं और एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पूर्व की तुलना में हत्या, हिंसा और दहेज संबंधी अपराधों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराधों में राज्य की रैंक पहले के 7 स्थानों से गिरकर 14 हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में असम पुलिस में 20 हजार जवानों की भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि असम पुलिस ने फोरेंसिक अनुसंधान में भी काफी प्रगति की है और असम पुलिस को मजबूत करने के लिए असम पुलिस के 400 अधिकारियों ने फोरेंसिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/आलोक/मनोज /श्रीप्रकाश/प्रभात

   

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